अच्छे काम करेंगे तो अच्छा समाज बनेगा और ईश्वर भी प्रसन्न होगा : मुहम्मद नाज़िमुद्दीन
जयपुर। जमाअ-ए-इस्लामी राजस्थान प्रदेश की ओर से ईद मिलन का कार्यक्रम मोती डूंगरी स्थिति इस्लामी सेंटर पर आयोजित किया गया।
इसाई विचारक सुरेन्द्र पेट्रिक ने कहा कि देश की आज़ादी की लड़ाई में हर धर्म वर्ग के व्यक्ति ने अपना ख़ून दिया है। वर्तमान में फ़ैली नफ़रत में आशा नहीं खोनी है। उन्होंने कहा कि मतभेद हो सकता है लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिये। अपने स्वार्थ के लिए राष्ट्र को पीछे कर दिया गया है जबकि प्रेम से मन को मोहा जा सकता है।
कैलाश सिंह यादव अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें नफ़रतवादियों से बचकर धार्मिक संदेश और जीवन के उद्देश्य पर ग़ौर करना चाहिए कि हम धरती पर क्यों आए हैं और हमारा कर्तव्य क्या है?
समाजसेवी सुमित्रा ने कहा कि आज देश साम्प्रदायिक लोगों के हाथ में है जो नफ़रत की फ़सल तैयार कर रहे हैं, लेकिन हमें भाईचारे, लोकतंत्र और संविधान को बचानै की चिंता करनी है और सद्भाव के प्रयासों को तेज़ करना चाहिए। हमें इज़राइल द्वारा किए जा रहे नरसंहार की भर्त्सना करनी चाहिए।
एसडीपीआई के डॉ. शहाबुद्दीन ने कहा कि नफ़रत फ़ैलाने वालों का विरोध करना चाहिए तभी देश बचेगा। गायत्री परिवार की स्नैहा दीदी ने कहा कि मानवता के नाते हम ईश्वर की संतान हैं और भाई-भाई हैं हमें इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
इस अवसर पर वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि हम इस देश के वासी हैं और इस को बचाना और इसकी तरक़्क़ी में भाग लेना हम सबका कर्तव्य है।
ईद मिलम समारोह में जमिअत उलैमा हिन्द के हाफ़िज़ मन्ज़ूर अहमद ने कहा कि हिंदू मुस्लिम एकता मंच द्वारा ईद के अवसर पर मुस्लिमों पर पुष्प वर्षा करके सद्भाव का प्रयास प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि केवल बात करने के बजाए नफ़रत मिटाने के लिए मिलकर प्रयास करना होगा।
दलित समाज के मोहनलाल बैरवा ने कहा कि साम्प्रदायिक ताकतें हमें लड़ाना चाहती हैं परन्तु हमें संयम से काम लेना होगा। राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर विशाल ने कहा कि हम एक-दूसरे के बारे में ना जानने के कारण आपस में शक करते हैं जबकि मिलकर एक-दूसरे को समझने का अवसर मिलेगा और नफ़रत कम होगी व सद्भाव बढ़ेगा।
राजस्थान दलित-मुस्लिम एकता मंच के महासचिव रणजीत जाटव ने कहा कि धर्म-जाति एक तरफ़ रखकर इंसानियत और देश की प्रगति व उत्थान के लिए साझा कोशिश करनी चाहिए।
मिल्ली कॉउन्सिल के एडवोकेट मुजाहिद नक़वी ने कहा कि हमें अच्छे अख़लाक़ के साथ दिलों को जीतना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार राजन महान ने कहा आज भी ऐसे लोग हैं जो देश की पुरानी परंपरा सद्भाव व भाईचारे को जीवित रखे हुए है। हमें आपस में संवाद करना चाहिए। आज भारत को विभाजित करने का काम इतना अंग्रेजों से भी अधिक हो गया है। उन्होंने गांधी के स्वराज की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। मुस्लिम समाज की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके ख़िलाफ़ हो रहे कामों के विरोध में कभी भी मुस्लिम समाज ने क़ानून नहीं तोड़ा और हिंसा का जवाब हिंसा से नहीं दिया। ग़लत बात का शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करना हमारा कर्तव्य है।
सीपीआई की निशा सिद्धु ने कहा कि हम देश के किसी भी कोने में हो लेकिन सब साथ हैं। यह देश सबका है और बराबर का अधिकार सबको है। सभी समुदाय एक दूसरे के साथ रहकर ही देश को चला सकते हैं।
आदर्श नगर जयपुर के विधायक रफ़ीक़ ख़ान ने सभी धर्मों से आए विचारकों और धर्माचार्यों का स्वागत किया और ईद की मुबारकबाद दी। उन्होंने हाल ही में पास हुए वक़्फ़ संशोधन बिल की भर्त्सना करते हुए इसे अन्यायपूर्ण फ़ैसला बताकर देश को विभाजित करने का फ़ैसला बताया।
जमाअते इस्लामी हिन्द राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी को ईद मुबारक दी और स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह ईद ख़ुशी के साथ ग़म, अफ़सोस और परेशानियों से लिपटी हुई है। उन्होंने रमज़ान और ईद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह माह इन्सानों की सेवा करने और संयम पैदा करने का है। उन्होंने कहा कि जमाअते इस्लामी सदैव अपने प्रोग्राम में सद्भाव को शामिल करती आ रही है। फिलिस्तीन के संदर्भ में उन्होंने सवाल उठाया कि मानवाधिकार के तथाकथित चेम्पियन कहां हैं? उन्होंने विश्वास दिलाया कि हम सब मिलकर देश को तबाह नहीं होने देंगे। किसी भी लालच से परे होकर सत्य बात कहने और अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने की हिम्मत पैदा करनी होगी, यह आज की आवश्यकता है।
साम्प्रदायिकता और नफ़रत की ओर मानसिक परिवर्तन आज का चेलेंज है। मानसिक बिमारी का हाल यह है कि सड़क पर नमाज़, वक़्फ़, ईद की नमाज़ आदि जैसे मुद्दों पर परेशानी खड़ा करना और उस पर ख़ुश होना एक वर्ग विशेष का आचरण बन गया है जो कि चिन्ता का विषय है। किसी की भी परेशानी हमारी सबकी परेशानी होनी चाहिए। हम अच्छे काम करेंगे तो अच्छा समाज भी बनेगा और ईश्वर भी प्रसन्न होगा। हर व्यक्ति को एक दिन ईश्वर के सामने हाज़िर होकर अपने-अपने कर्मों का हिसाब देना होगा। कार्यक्रम के बाद उपस्थित लोगों ने लंच में सिवय्यों का आनंद भी लिया। यह जानकारी मीडिया सचिव सय्यद नासिर हसन ने प्रेस प्रतिनिधियों को प्रेस नोट में दी।