सरकार देहदान के लिए प्रेरित करती है। जबकि सरकारी अस्पतालों में शव को सुरक्षित रखने वाली मशीन ही खराब पड़ी है। विद्युत नगर, संजय कॉलोनी निवासी शांतिलाल जी मूंदड़ा का स्वर्गवास हो गया था उन्होंने वर्ष भर पहले ही देहदान का संकल्प किया था। परिजन उनके शव को लेकर भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो पता चला की शव को सुरक्षित रखने वाली मशीन ही खराब पड़ी है। चित्तौड़गढ़ मेडिकल कॉलेज की भी मशीन खराब पड़ी है परिजनों ने अजमेर, उदयपुर , वह जोधपुर भी संपर्क किया अजमेर और उदयपुर के मेडिकल कॉलेज ने भी शव लेने से मना कर दिया। मात्र जोधपुर मेडिकल कॉलेज ने शव लेने की बात की। लेकिन परिजन ने मना कर दिया। आखिरकार बुधवार को शव का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया। इस घटनाक्रम में सरकार व प्रबंधन की लापरवाही सामने आती है। सभी निशुल्क सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की सच्चाई सामने आ गई। सरकार इस और ध्यान दें सभी सरकारी अस्पतालों में प्रत्येक जांच मशीनों को अपडेट किया जाए।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)