वर्तमान शिक्षा प्रणाली का स्तर गुणवत्तापूर्ण नहीं है कक्षा की किताबों को रट कर डिग्री हासिल कर दी जाती है लेकिन व्यावहारिक ज्ञान के मामले में हमारी शिक्षा प्रणाली का स्तर शून्य है। वर्तमान समय में सरकारी विद्यालयों व कॉलेज में पढ़ने के लिए पर्याप्त शिक्षक ही नहीं होते। प्रैक्टिकल लैब में पर्याप्त समान ही उपलब्ध नहीं होते। शिक्षा का पूरा ढांचा ही कमजोर है इसको मजबूत स्थिर बनाने के लिए प्राथमिक स्तर से प्रयास करने होंगे। क्योंकि सरकारी विद्यालयों में शिक्षक भी खाना पूर्ति करते हैं। अतः एक बार सरकार द्वारा गठित समिति हमारी पूरी शिक्षा पद्धति का मंथन करें एवं उसको सुधारा जाए ताकि हमारी शिक्षा पद्धति से युवाओं को भविष्य में रोजगार मिल सके । अध कचरा ज्ञान युवाओं को भ्रमित करता है। शिक्षा का क्षेत्र व्यापक है अतः इसकी समीक्षा करना अति आवश्यक है।
-लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)