बलात्कारियों के आरोपी की पैरवी करने के लिए हमारे देश में वकील आसानी से मिल जाता है क्योंकि उनको फीस से मतलब होता है, यह पीड़ा उनकी समझ से बाहर है। कोलकाताअस्पताल में बलात्कार के बाद हत्या करने पर उसकी पैरवी करने के लिए 21 वकील एक साथ खड़े हो गए थे कितनी शर्मनाक घटना है। आरोपी संजय राय को फांसी की सजा सुनाई गई है। लेकिन क्या फांसी होगी। हमारी कानून व्यवस्था में एक लंबी प्रक्रिया है जिसके तहत राष्ट्रपति से दया कि अपील की जा सकती है।
आरोपी संदीप घोष, अभिजीत मंडल को जमानत दे दी गई है। कहा यह जा रहा है की पुलिस ने समय रहते इन दोनों की चार्जशीट फाइल नहीं की। लेकिन इतने गंभीर मामले में पुलिस लापरवाही नहीं कर सकती। ऐसा माना जा रहा है कि इनको राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। क्या वकीलों की संवेदनशीलता खत्म हो गई है। दूसरी ओर संजय राय की मां और बहनों ने अखबार में आई खबर के अनुसार यह स्वीकार किया है कि अगर उनके बेटे ने गलती की है तो उसको जरूर फांसी होनी चाहिए मैं अकेले बैठकर रो लूंगी।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़।