बलात्कारियों के आरोपी की पैरवी करने के लिए हमारे देश में वकील आसानी से मिल जाता है क्योंकि उनको फीस से मतलब होता है, यह पीड़ा उनकी समझ से बाहर है। कोलकाता अस्पताल में ट्रेनी से बलात्कार के बाद हत्या करने पर उसकी पैरवी करने के लिए 21वकील एक साथ खड़े हो गए थे, कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ वकील भी थे। कितनी शर्मनाक घटना है। आरोपी संजय राय को सियालदह अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और 50000 का जुर्माना भी लगाया है। सीबीआई पीड़िता के परिवार ने कोर्ट से फांसी की मांग की थी। जज का कहना है कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं है। आरोपी संदीप घोष, अभिजीत मंडल को जमानत दे दी गई है। कहा यह जा रहा है कि पुलिस ने समय रहते इन दोनों की चार्ज शीट फाइल नहीं की। लेकिन इतने गंभीर मामले में पुलिस लापरवाही नहीं कर सकती, ऐसा माना जा रहा है कि इनको राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। क्या वकीलो की संवेदनशीलता खत्म हो गई है। दूसरी ओर उसकी मां का कहना है कि उसके बेटे ने गलती की है तो उसे फांसी होनी ही चाहिए।
पश्चिम बंगाल के सरकार संजय राय की फांसी की मांग कर रही है अगले चुनाव में बीजेपी की सरकार नहीं बन जाए।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़