विश्वविद्यालय में सभी को समान विकास के अवसर मिले : राज्यपाल हरिभाऊ बागडे

अपेक्स विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षान्त समारोह 

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जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि शिक्षा व्यक्ति को मानवीय बनाती है। उन्होंने शिक्षा के जरिए राष्ट्र और समाज के विकास के लिए कार्य करने, इसके जरिए विकसित भारत में योगदान किए जाने पर जोर दिया।

राज्यपाल बागडे अपेक्स विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षान्त समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्राचीन तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालयों की चर्चा करते हुए कहा कि यहां पर किसी एक विषय नहीं सभी विषयों में पढ़ाई होती थी। नई शिक्षा नीति में भी इसी पर जोर दिया गया है कि विद्यार्थी सभी विषयों में निष्णात होए और उसका सर्वांगीण विकास हो।

अपेक्स यूनिवर्सिटी के द्वितीय दीक्षांत समारोह का आयोजन अचरोल कैंपस में हुआ जहां प्रशासनिक भवन से दीक्षांत परेड आरंभ होकर दीक्षांत स्थल तक पहुंची। समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल हरिभाऊ बागडे थे। यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डा,रवि जूनिवाल और विशिष्ट अतिथि आचार्य बालकृष्ण कुलपति पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार और निहाल चंद पूर्व सांसद लोकसभा क्षेत्र गंगानगर ने बेस्ट स्टूडेंट को डॉक्टर सागरमल जूनीवाल मेमोरियल अवार्ड सहित विभिन्न संकायों में 15 टॉपर्स को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। अतिथियों की उपस्थिति ने इस समारोह को और भाव बना दिया था आयुर्वेद योग के क्षेत्र में नए अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आचार्य बालकृष्ण एवं सबसे कम उम्र में लोकसभा सांसद बने पांच बार सांसद रह चुके हैं। निहालचंद को समाज के प्रति उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए डिलीट की मनात उपाधि प्रदान की गई। 

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विद्या का दान सर्वश्रेष्ठ दान है। विद्या वही है जो जीवन की समस्याओं का सटीक हल खोजने में सहायता करें मुझे प्रसन्नता है कि अपेक्स विश्वविद्यालय इसी दिशा में काम कर रहा है। आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को आगे लाकर शिक्षा देने का आपका प्रयास सराहनीय है। मैं यह देखकर गदगद हो गया हूं कि इसके संस्थापक शिक्षाविद डॉक्टर सागरमल जी के सपनों को सच हो रहा है नव अंग तो छात्रों से मेरा आग्रह है कि केवल डिग्री धारी ना बने बल्कि सच्चे भारतीय नागरिक बने मैं आपको अभी भेजता हूं पर उपाधि प्रताप करने के लिए बधाई देता हूं। 

यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉक्टर रवि जूनीवाल ने कहा कि डिग्री पाने वाले सभी प्रतिभाओं को बधाई देते हुए कहा कि देश का सुनहरा भविष्य आज शिक्षित युवाओं में निहित है। वह अपनी शिक्षा का इस्तेमाल देश और समाज की उन्नति के लिए करें युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वह खुद को इस काबिल बनाया की जीवन में आने वाले किसी भी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो। डिग्री के बाद पढ़ाई का अंत नहीं है यही से आपका असली जीवन की कसौटी शुरू होती है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा भारत की ज्ञान परंपरा पर दृष्टि विकसित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि व्यष्टि और समष्टि को जोड़ने वाला प्रथम सूत्र शिक्षा ही है। उन्होंने शिक्षा के जरिए सभी के समान विकास के लिए कार्य करने का आह्वान किया। इससे पहले राज्यपाल ने विद्यार्थियों को उपाधियां और पदक प्रदान करते हुए विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सैकड़ो छात्र और विश्वविद्यालय कर्मचारी मौजूद थे।