हमारे समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग सड़क पर बैठकर जूते ठीक करने वाला, फुटपाथ और सड़क पर बैठकर सामान बेचकरअपना गुजारा करता है। ठेले वाले सब्जियां और फल फ्रूट, कई छोटी मोटी दैनिक जीवन में काम आने वालीसामग्री लेकर खड़ा रहता है। दीपावली आने पर यह लोग अतिरिक्त सामान भी रखते हैं और सोचते हैं कि त्यौहार के कारण अच्छी कमाई होगी तो उनके घर पर भी दीपावली अच्छी होगी।
लेकिन इसके बिल्कुल विपरीत नगर परिषद व सरकार इसी समय अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई शुरू करता है। पूरे वर्ष नगर परिषद को शहर का अतिक्रमण नहीं दिखाई देता। दीपावली आते ही उनकी कार्रवाई शुरू हो जाती है, यहां तक कि विरोध करने पर उन गरीबों का सामान छीनकर लोडिंग टैम्पो में भरकर ले जाते हैं तो गरीब लोग कहां जाएंगे। इसकी बजाय सरकार व नगर परिषद मिलकर उन लोगों के लिए कोई स्थाई स्थान की हमेशा के लिए व्यवस्था कर दे तो यह लोग भी अच्छे से त्यौहार मना सकते हैं। ताकि स्थाई व्यवस्था होने पर इन लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा। लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़, (राजस्थान)