रोचक अनुभव : छोटी सी खुशी। : लता अग्रवाल

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बात 22 अगस्त 2018 ईद की है, सुबह का समय था, मूसलाधार बारिश हो रही थी। दूध वाला दूध देने अंदर आया तो उसके पीछे-पीछे रेनकोट पहने एक आदमी भी चलाआया मैंने पूछा -कहिए क्या काम है, तो कहने लगा मैडम चाय पीनी है मैंने पूछा_कौन हैं? आप तो कहने लगा हम यातायात विभाग के कर्मचारी हैं ईद की वजह से इस चौराहे पर ड्यूटी लगी है। ड्यूटी छोड़कर कहीं चाय पीने नहीं जा सकते एवं बाहर बारिश की वजह से कोई होटल भी नहीं खुली। मैंने कहा_आप ड्यूटी पर खड़े हो  जाइए मैं चाय बनाकर आवाज दे दूंगी। मैंने दो कप चाय बनाई साथ में बिस्कुट का एक पैकेट भी प्लेट में रख कर फाटक पर ले आई और उन लोगों को आवाज दी। 

दोनों कर्मचारी फाटक पर खड़े हो गए। अंदर नहीं आ सकते थे, बाहरी चौराहे पर ड्यूटी थी। चाय देखकर उनके चेहरे पर जो प्रसन्नता का भाव आया और यह सब देखकर मुझे जो खुशी हुई वह शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। मौसम व ड्यूटी के कारण उनको चाय की सख्त जरूरत थी। (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)

लेखिका :  लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़, (राजस्थान)