सांभर में बारिश से आंगनबाड़ी केंद्र का जर्जर भवन गिरा

पुराना डिप्टी ऑफिस का भी अधिकांश हिस्सा ढह गया 

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

www.daylife.page 

सांभरझील। सांभर में बारिश से वार्ड नंबर तीन स्थित आंगनबाड़ी केंद्र व धोबियों का चौक स्थित दो अति पुराने सरकारी भवन का अधिकांश हिस्सा ढह गया। गनीमत यह रही की दोनों भवन गिरने के कारण कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। जिस भवन में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित था वह काफी जीर्ण अवस्था में बताया जा रहा है, बताया जा रहा है कि यह भवन शिक्षा विभाग के अधीन है जिसे आंगनबाड़ी केंद्र संचालन हेतु दिया हुआ है, लंबे समय से इस भवन का कोई जीणोद्धार नहीं होना भी बताया जा रहा है। यहां करीब 20, 25 नोनीहाल बच्चे आते थे लेकिन भवन की हालत को देखकर कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को यहां भेजना बंद कर दिया था और अब कुछ बच्चे ही यहां पर आते हैं। 

भवन की दुर्दशा और खतरे के आशंका को देखते हुए चामुंडा माता मंदिर में करीब चार-पांच महीने तक बच्चों को उधर शिफ्ट किया गया था लेकिन मंदिर प्रशासन को आवश्यकता होने पर इन बच्चों को वापस इसी भवन में लाया गया। भवन की दुर्दशा को देखते हुए इसी परिसर में एक छोटा कमरा लोगों की मदद से बनवाया गया था जिसमें इन बच्चों को बिठाया जाता था, लेकिन जर्जर भवन का खतरा आसपास के लोगों को हमेशा बना रहता था। पार्षद बिंदु कुमारी ने वर्ष 2022 से अनेक दफा इस भवन को मरम्मत करवाने हेतु जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान भी आकर्षित करवाया था लेकिन सभी जिम्मेदार एक दूसरे को टोपी पहनाकर मामले को इधर-उधर घूमा रहे थे। 

बताया जा रहा है कि यहां की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक की ओर से भी महिला व बाल विकास विभाग को भी वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया था, लेकिन जानकारी में आया है कि यह भवन शिक्षा विभाग के अधीन होने के कारण सीडीपीओ के स्तर से इसके लिए कोई मरमत करवाना संभव भी नहीं था। लगातार जर्जर होता भवन आखिरकार बारिश की मार नहीं झेल सका और शुक्रवार सुबह करीब 5:30 बजे भरभरा कर ढह गया। लोगों ने भगवान का शुक्रिया अदा किया है कि बच्चों की मौजूदगी में यह हादसा होने से बच गया नहीं तो कोई गंभीर जनहानि हो सकती थी। इसी प्रकार मौजूद संपत्ति में दर्ज धोबियों का चौक स्थित भवन पुराना डिप्टी ऑफिस भी आज गिर गया। 

वार्ड पार्षद बिंदु कुमारी का कहना है कि भवन का निरीक्षण सीडीपीओ ने खुद मौके पर आकर देखा था, इसके बाद लोगों की सहायता से एक कमरे का निर्माण करवाया गया था। इस मामले में सीडीपीओ का कहना है कि भवन के हालत को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बताया गया था। यह भवन हमारा नहीं है। बच्चों की सुरक्षा के लिए हम चिंतित हैं तथा जरूरी कदम उठाए जाएंगे।