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सांभरझील। उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा विगत कई सालों से सरकार और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को लगातार अवगत करवाए जाने के बावजूद राशन डीलरों की समस्याओं का समाधान आज तक नहीं हो पाया है। राशन डीलरों की छोटी-छोटी तकलीफों को दूर नहीं करने के बावजूद न चाहते हुए भी सरकार की राशन वितरण प्रणाली को निरंतर निभा रहे हैं।
बता दे की राशन डीलरों ने कई दफा सरकार को और स्थानीय प्रवर्तन अधिकारियों को अवगत कराया था कि जब उनके गेहूं आवंटन होता है उसे स्थिति में ट्रांसपोर्ट से गाड़ी आने के दौरान बोरीयां फटी हुई होती है और काफी मात्रा में गेहूं बिखर जाता है तथा इसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ता है, जरूरतमंदों को गेहूं देने के दौरान करीब 2% छिजत स्वाभाविक है, ऐसे में गेहूं शॉर्ट पड़ जाता है और यदि अचानक अधिकारी आकर निरीक्षण कर ले तो उन पर आरोप लगाकर उन्हें नोटिस थमा दिया जाता है और वे परेशान होते हैं।
राशन डीलरों ने प्रदेश संगठन के आह्वान पर अपनी सभी पोस मशीन सरकार को सौंपने का निर्णय लिया है और उनका मानदेय तीस हजार रुपए प्रति महीना नहीं देने और दो प्रतिशत छीजत की भरपाई करने की मांग नहीं मानने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इस आशय का एक ज्ञापन राजस्व विभाग के अधिकारी को सोपा गया।