कर्नाटक में देवेगौडा परिवार बदनामी के दौर में
लेखक : लोकपाल सेठी

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक 

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (स) के सुप्रीमो एच. डी. देवेगौडा का नाम देश की राजनीति में सम्मानजनक रूप से लिया जाता है। लेकिन अब उनके बड़े एच. डी. रेवन्ना के चलते सारा परिवार बदनामी के दौर से गुजर रहा है। रेवन्ना के परिवार में कुल चार सदस्य है तथा सभी इस समय या तो जेल में है या फिर अपराधिक मामलों में जमानत पर चल रहे है। परिवार में उनके अलावा उनकी पत्नी भवानी दो बेटे प्रज्वल और सूरज है। प्रज्वल और सूरज तो जेल में  तथा भवानी और रेवन्ना फ़िलहाल जमानत पर है। इन चारों के खिलाफ की तरह के हैं। उनके खिलाफ लिखवाई गए पुलिस रिपोर्ट के अनुसार इन सबके के खिलाफ बलात्कार, अपहरण करने तथा अश्लील वीडिओ जारी करने के आरोप है। चारों के चार सक्रिय राजनीति में है। रेवन्ना विधान सभा के सदस्य है।   सूरज राज्य विधान परिषद् का सदस्य है। प्रज्वल हाल तक लोकसभा का सदस्य थे लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों में हार गये थे। भवानी भी कभी   विधायक थी। 

शुरू में एच. डी. देवेगौडा तथा उनके छोटे बेटे एच.डी. कुमारस्वामी, जो अब केंद्रीय मंत्री है, ने परिवार इन सदस्यों का बचाव करने के करने के लिए आगे आये। उनका कहना था कि परिवार के इन सदस्यों के खिलाफ़ प्रदेश की कांग्रेस सरकार बदले के भावना से कारवाई कर रही है। इनको राजनीतिक कारणों का चलते झूठे मामलों में फंसा कर उनके परिवार की बदनामी कर रही है कुमारस्वामी दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। पहली बार उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। दूसरी बार वे कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे। उनके दल ने हाल का लोकसभा चुनाव लड़ा था तथा कुल 28 में से 2 सीटें जीती थी। 

रेवन्ना को राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रो में देवेगौडा के बिगडैल बेटे के रूप जाना जाता है। शायद इसलिए देवगौड़ा ने अपने बड़े बेटे के जगह छोटे बेटे  कुमारस्वामी को आगे बढाया। 2018 में जब कांग्रेस जनता दल (स) की मिली जुली सरकार बनी और मुख्यमंत्री का पद कुमारस्वामी को मिला था। उन्होंने   अपने बड़े भाई रेवन्ना को भी मंत्री पद दे दिया। लेकिन कई दिनों तक रेवन्ना ने पद भार नहीं संभाला। वे इस बात को लेकर नाराज़ थे कि उनकी बजाये छोटे भाई को क्यों मुख्यमंत्री बनाया गया। पूर्व प्रधानमंत्री और कुमारस्वामी बंगलुरु में रहते है जबकि रेवन्ना और उनका परिवार अभी भी अपने पैतृक स्थान  होलेनर्सरी में रहता है। यह स्थान हासन जिले में पड़ता है। हासन लोकसभा क्षेत्र का कई बार बड़े देवगौड़ा ने प्रतिनिधित्व किया है। पिछले दो महीनों से हासन और होले नर्सरी रेवन्ना परिवार के चलते सुर्खियों में है। 

प्रज्वल ने 2019 के लोकसभा चुनावों में हासन से जीत दर्ज की थी। पार्टी ने 2024 में उन्हें एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया था पर वे इस बार चुनाव हार गए। यहाँ मतदान 26 अप्रैल को हुआ था। मतदान से एक दो दिन पहले इस क्षेत्र में एक वीडिओ क्लिप वायरल हुई जिसमें वह एक महिला के साथ अश्लील मुद्रा में था। फिर एक साथ इसी प्रकार के कई वीडिओ सामने आया। इसी बीच प्रज्वल छुट्टियाँ  मनाने जर्मनी चले गए। इधर एक महिला ने पुलिस में यह रिपोर्ट दर्ज कराई कि प्रज्वल ने उन्हें अपने घर बुलाकर उसके साथ बलात्कार किया था। उनके खिलाफ बलात्कार करने और इसका वीडिओ जारी करने का आरोप भी लगाया गया था। बाद में इसमें अपहरण करने और सबूत मिटाने के धाराएँ भी जोड़ दी गई। 

यह बात भी सामने आई कि प्रज्वल के मोबाइल में ऐसे 2500 वीडिओ सेव थे। जिनके आधार पर वह महिलायों का यौन शोषण करता था। एक महीने   बाद जब प्रज्वल  वापिस लौटा तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया मामले की जाँच चला रही है तथा अभी वह जेल में है। इसी बीच एक अधेड़ उम्र के महिला,  रेवन्ना के घर में काम करती थी, ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि रेवन्ना ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया था। रेवन्ना को भी गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल वह जमानत पर बाहर है। इसी बीच एक और रिपोर्ट दर्ज हुई जिसमे कहाँ गया था बेटे और पति के खिलाफ गवाही देने से रोकने के लिए    रेवन्ना की पत्नी भवानी उनका अपरहरण किया था पर इस मामले उसे अग्रिम जमानत मिल गई। इसी बीच परिवार के अन्य बेटे सूरज द्वारा एक युवक का अप्रिकृत यौन शोषण करने का मामला सामने आया। पुलिस बिना देर किये सूरज को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत पर जेल में है। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)