साइन बोर्ड पर "गुढ़ा साल्ट" की जगह लिखा "गुडा सान्ट"
शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

www.daylife.page 

सांभरझील। गुढा साल्ट रेलवे-स्टेशन रोड के नवीनीकरण कार्य के बाद साइन बोर्ड पर गुढ़ा साल्ट  का वास्तविक नाम बदलकर  गुडा सान्ट लिख दिया गया है, इससे साफ जाहिर है कि जिम्मेदारों ने अपनी भूमिका का सही प्रकार से निर्वहन नहीं किया है। बता दें कि गत वर्ष चौसला से गुढ़ा साल्ट रेलवे-स्टेशन तक लगभग सवा आठ करोङ की लागत से सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा यहां नवीन रोड बनाई गई थी। जिस पर गुर्जरों के घर के सामने बोर्ड पर गुढा साल्ट कि जगह 'गुडा सान्ट' लिखा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि काम तो शुरू हुआ लेकिन ग्रेवल आदि बिछाने के बाद कुछ महिनों तक काम रूक गया था। 

इस दौरान हादसों में कई राहगीर चोटिल होने के बाद काम तीव्र गति से पूरा हुआ। वहीं संकेतक बोर्ड भी आनन फानन में लगा दिए गए। जिसमें कई जगहों पर खामियां नजर आई। इसी क्रम में गांवो के नाम भी जल्दबाजी में परिवर्तन कर दिए गए। गुढा साल्ट गौशाला के पास रिप्लेकटरों का अभाव हो गया। गुढा रेलवे-स्टेशन तक दो किलोमीटर में ना तो रिप्लेकटर लगे ना ही रेडियम पट्टी बनी। वहीं सरकारी विद्यालयों और चोराहों पर स्पीड ब्रेकर भी नहीं बनाए। जबकि यहां ओवरलोड डम्पर, ट्रक व भारी वाहन आदि तेज रफ्तार में दौङते हैं। 

विभाग द्वारा रिफ्लेक्टर व रेडियम पट्टी नहीं लगाना लापरवाही का द्योतक है। इस मामले में प्रकाश देवांसी, जेईएन, सार्वजनिक निर्माण विभाग का कहना है कि अभी डामर का थोङा कार्य बाकी है, उस समय स्पीड ब्रेकर बनवा देंगे, जहां साईड फिचिंग में ग्रेवल डलने की गुंजाइश होगी वहां भी डलवा देंगे। पेंटर को बोलकर चार पांच दिन में नाम सही करवा देंगे। रिप्लेकटर, रेडियम पट्टी तो अभी डामर पर ही स्वीकृती ले रखी है।