अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सांभर में अनेक जगह योगाभ्यास किया

तन को स्वस्थ और मन को प्रसन्न रखता है योग : टीकमचंद 

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आज अनेक जगहों पर सैकड़ों लोगों लोगों ने इसमें उत्साह के साथ भाग लिया। पीएम श्री दरबार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में योग दिवस पर विद्यार्थियों ने योग और प्राणायाम किए। प्रधानाचार्य टीकमचंद मालाकार ने कहा कि योग हिंदुस्तान में प्राचीन काल से चला आ रहा है। योग और प्राणायाम हमारे ऋषि मुनियों की देन है। योग के माध्यम से आध्यात्मिक का रास्ता भी खुलता है। नियमित योग और प्राणायाम करने से तंत्र स्वस्थ रहता ही है, मन प्रसन्न रहता है तो आत्मा को भी शांति मिलती है। 

आज के युवाओं को योग के माध्यम से स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखनी होगी। योग व प्राणायाम को अपने नियमित दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ आत्मा का निवास होता है।  स्वस्थ आत्मा ही मनुष्य को प्रगति के पथ पर ले जाती है। बच्चे, बूढ़े, युवा हर वर्ग के लोगों को नियमित रूप से योग का अभ्यास करना चाहिए।न्यायालय परिसर सांभर में भी  वकीलों और न्यायिक अधिकारियों ने भी कपालभाति, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, अनुलोम-विलोम किया।  

कार्यक्रम में अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश, अरविंद कुमार जांगिड़, वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट डा. ऋचा कौशिक, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, जयश्री लामोरिया सहित अनेक वकीलों ने भी योगाभ्यास किया। इसी प्रकार जकीय शाकंम्भर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की तीनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में अन्तराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डी. सी. डूडी ने स्वयंसेवको को बताया कि शारीरिक मानसिक आध्यात्मिक और आत्मिक पहलुओं को एकत्रित करके एवं योग स्वास्थय कल्याण के लिए समग्र मार्ग प्रदान करता है। योग प्रषिक्षक श्री जयप्रकाश औझा ने स्वयंसेवको को योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उनको योगाभ्यास करवाया। इस अवसर पर एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. औमदत्त परेवा, सहायक आचार्य एवं श्रीमती ममता मीणा, सहायक आचार्य तथा सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे।