पूर्व राज्यपाल डा.कमला बेनीवाल का निधन

जयपुर स्थित फोर्टिस अस्पताल में ली अंतिम सांस

जाफर लोहानी 

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मनोहरपुर (जयपुर)। मुख्यमंत्री, राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने डा. कमला के निधन पर शोक जताया है। 

वहीँ, विराटनगर व शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र में भी शोक की लहर है। उल्लेखनीय हैं कि डॉ कमला बेनीवाल 7 बार चुनाव जीती थी।  डॉ कमला बेनीवाल के पुत्र आलोक बेनीवाल भी विधायक रह चुके हैं।  

डॉ. कमला बेनीवाल ने कब कब लड़ा चुनाव

वर्ष- विधानसभा- पार्टी- वोट मिले- प्रतिदंद्वी- पार्टी- वोट मिले- नतीजा

1962- बैराठ - कांग्रेस- 16839- धर्मेन्द्र- एचएमएस- 13653- 3186 मतों से जीत 

1967- बैराठ- कांग्रेस- 17063- डी ​सिंह- जेटीपी- 18232- 1169 मतों से हार

1972- दूदू- कांग्रेस- 26907- रघुवीरसिंह- स्वतंत्र- 13465- 13442 मतों से जीत

1980- बैराठ- कांग्रेस -27152- ओमप्रकाश- बीजेपी- 22520- 4632 मतों से जीत

1985- बैराठ- कांग्रेस- 34455- ओमप्रकाश- बीजेपी- 34042- 413 मतों से जीत

1990- बैराठ- कांग्रेस- 30697- ओमप्रकाश- बीजेपी- 45413- 14716 मतों से हार

1993- बैराठ- कांग्रेस- 43664- ओमप्रकाश- बीजेपी- 28954- 14710 मतों से जीत

1998- बैराठ- कांग्रेस- 54710- राव राजेन्द्र- बीजेपी- 44257- 10453 मतों से जीत

2003- बैराठ- कांग्रेस- 41700- राव राजेन्द्र- बीजेपी- 67297- 25597 मतों से हार

27 साल की उम्र में 1954 में पहला चुनाव लड़कर मंत्री बनी थी डॉ. कमला, 2003 में बनी उपमुख्यमंत्री

डॉ. कमला ने 27 साल की उम्र में 1954 में पहला चुनाव लड़कर जीता और सरकार में मंत्री बनीं। डॉ. कमला 1954 से राजस्थान में लगातार कांग्रेस सरकारों में मंत्री रही हैं। गृह, चिकित्सा और स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विभाग उनके पास रहे है। अशोक गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री थीं। 1980 से 1990 तक सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं। इस दौरान उनके पास कृषि, पशुपालन, सिंचाई, श्रम और रोजगार, शिक्षा, कला और संस्कृति, पर्यटन और एकीकृत ग्रामीण विकास आदि विभाग थे। 1993 में वह मंत्री नहीं बन सकी। 1998 में वह फिर से कैबिनेट मंत्री बनीं। 2003 से राजस्थान की उप मुख्यमंत्री रहीं। 

कांग्रेस पार्टी में ​विभिन्न पदों पर भी रही

1977 के चुनावों के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव, राजस्थान कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य, राजस्थान महिला कांग्रेस के अध्यक्ष, राजस्थान प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य व बाद में चुनाव अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

त्रिपुरा, गुजरात व मिजोरम की रह चुकी है राज्यपाल

प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ. कमला को 2009 में त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। वह पूर्वोत्तर भारत के किसी भी राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं । एक महीने बाद, उन्हें 27 नवंबर 2009 को गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया जहां उन्होंने चार साल से अधिक समय तक सेवा की। 6 जुलाई 2014 को उनका तबादला मिज़ोरम के राज्यपाल पद पर कर दिया गया। सिंचाई मंत्री के रूप में उन्होंने राजस्थान में लगभग 48,000 जल संचयन संयंत्रों के जिला कार्यक्रम बनाने का कार्य पूरा किया। जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने जयपुर में एक संस्कृत विश्वविद्यालय भी स्थापित किया है। लगभग 20 वर्षों तक विभिन्न रैंकों में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ में राजस्थान इकाई के प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया है। 1994 - 95 में इफको द्वारा प्रदत्त भारत का सर्वश्रेष्ठ सहकारी पुरस्कार दिया गया। अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास 5/1,मालवीय नगर जयपुर बड़ी संख्या में लोग पहुँचे।