टोंक में दो किलोमीटर लम्बा पुल आंधी से झोंके से धराशाई

अरशद शाहीन 

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टोंक। टोंक जिला मुख्यालय पर गहलोद घाट पर बन रहे दो किलोमीटर लम्बा पुल आंधी से झोंके से धराशाई हो गया। बनास नदी के गहलोत घाट पर बन रहे 150 करोड रुपए के पुल का मामल से आंधी में गिर जाना भ्रष्टाचार में लिफ्ट अधिकारियों की पोल खोलने के लिए काफी है बीती रात तेज आंधी के कारण यह हादसा हो गया जिसमें कोई जन हानि नहीं हुई बनास नदी पर बना रहे निर्माणधीन हाई लेवल ब्रिज के पिलर संख्या 42-42 के बीच रखे हुए कास्ट के बड़े विशाल गार्डर गिर पडे। तेज आवाज के साथ हुए धमाके की आवाज सुनकर वहां मौजूद श्रमिक और ग्रामीण मौके पर पहुंचे तथा यह जानकर राहत महसूस हुई कि कोई जनहानि नहीं हुई है। इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी सार्वजनिक निर्माण विभाग के आला अधिकारी एच.आर. मीणा भी मौके पर नहीं पहुंचे जिससे सामने  आया  गैर जिम्मेदाराना रवैया यह दर्शाता है कि की दाल में कुछ काला है। 

जानकार लोगों का कहना है कि इस मौके पर अधिकारी जिला मुख्यालय पर मौजूद ही नहीं थे। पुल के निर्माण को लेकर भाजपा और कांग्रेस अपनी अपनी उपलब्धि बताने कि होड़ चल रही है। और पूर्व कांग्रेस की सरकार में शुरू हुए पुल निर्माण के चलते हैं टोंक विधायक सचिन पायलट अपनी सरकार की उपलब्धि बताते रहे हैं। तब वहीं भाजपा सांसद सुखबीर सिंह जोनापारिया अपने द्वारा किया प्रयास बताते नहीं थक रहे हैं अधिकारियों का कहना है कि इस पुल का निर्माण का सारा काम केंद्र सरकार के अनुसार कराया जा रहा है।