जनता बेहाल है

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आज भी महिलाएं दो-तीन किलोमीटर की दूरी से पानी लाने को विवश है पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था ठीक नहीं है। किसी क्षेत्र में तो अनवरत नल चलते रहते हैं। दूसरी ओर गलियों में नल की टोटी के अभाव में पानी बहता रहता है। सरकारी बंगलो व नेताओं के बंगले में आपूर्ति निर्बाध है। 

इसलिए सरकार को लोगों की परेशानियां दिखाई नहीं देती है। गर्मी शुरू हो गई है अगर अभी भी सरकार जलापूर्ति के मामले में गंभीर नहीं है तो जनता ऐसे ही बेहाल रहेगी। सरकार को संभल जाना चाहिए संविदाकर्मी नल खोने तो समय पर आ जाते हैं पर बंद करने का समय उनको ध्यान नहीं रहता हैं और लोगों के घरों में पानी व्यर्थ बहता रहता है। गर्मी शुरू है अगर अभी भी सरकार जलापूर्ति के प्रति गंभीर नहीं है तो जनता ऐसे ही परेशान रहेगी।   

लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)