अरशद शाहीन
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पीपलू/टोंक। हरिपुरा में तेजाजी मंदिर समीप चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक पंडित बद्रीनारायण शास्त्री ने सती प्रसंग, ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए प्रभु चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कपिल भगवान ने माता देवहूति से कहा कि ये अशक्ति ही सुख दुख का कारण है। यदि संसार में ये अशक्ति है, तो दु:ख का कारण बन जाती है। यही अशक्ति भगवान और भक्ति में हो जाए तो मोक्ष का द्वार खुल जाता है। भगवान को अर्पित भाव से किया गया कर्म ही दिव्य तप है। इस दौरान पंडित दीनदयाल जैमन, दिनेश शर्मा, पुण्यार्जक गोपीनारायण शर्मा सहित काफी संख्या में श्रद्धालुओं के महाआरती किए जाने के साथ कथा का विश्राम हुआ।