सीकर में हाजी बिस्मिल के उर्स में अकीदतमंदों का उमड़ा हुजूम

जाफर ख़ान लोहानी 

www.daylife.page 

सीकर। सीकर मोहल्ला नारवान स्थित सूफी बिस्मिल चौक खलील शाह की दरगाह के पास हजरत हाजी सूफी अब्दुल मजीद बिस्मिल कादरी का सालाना 23 वां उर्स मनाया गया। कव्वालों ने अपने फन से महफि़ल को रोशन कर दिया। देर तक श्रोता जमे रहे। कव्वाल इक़बाल ने ‘सरला मका तलब हुई सुरह मुतह चले नबी, भरदे झोली या नबी, यह खानदाने रूही के रोशन चिराग हैं फैलेगी क्यों ना रोशनी बिस्मिल के फैज़ की ’और रफीक शकील  ने ‘उनके करम से पुर लुत्फ़ जिंदगी है गुजरा हूं जिधर मैं मुझे मिली है’ "मेरे पीर की गुलामी मेरे काम आ गई" की पेशकश कर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया।

ऐसे ही सूफियाना कलामों की शानदार पेशकश से महफि़ल गुलजार हुई। इससे पहले शाम को महफ़िल खाने  से चादर रवाना हुई, जो मोहल्ला नारवान, हुसैन गंज होते हुए दरगाह पहुंची, जहां मजार पर चादर पेश की गई। चादर पेश करने बाद दरगाह के गद्दीनशीन ने दुआ करवाई। इसके बाद सभी जायरीन ने चादर ओर अकीदत के फूल पेश कर दुआ मांगी। 

दरगाह के सजादानशीन सूफी मोईनुद्दीन जिलानी ने बताया कि उर्स में जोधपुर, पाली, चूरू, झुंझुनू, नागौर, बीकानेर, अजमेर, टोंक, डीडवाना, जयपुर, कोटा, भीलवाड़ा सहित मुम्बई, यूपी से भी हजारों जायरीनो ने शिरकत की। उर्स का आगाज कुरआन की तिलावत से शुरू हुआ। शाम को चादर का जुलूस निकाला गया। इसके बाद सज्जदानशीन सूफी मोईनुद्दीन जिलानी ने दुआ करवाई। अकीदतमंद व जायरीनों ने मन्नत मांगी और अकीदत के फूल पेश किए।

उर्स में भीलवाड़ा गुलाबपुरा के कवाल शकील रफीक कादरी, सीकर के इकबाल, हनीफ कादरी ने सूफियाना कलाम पेश किया। तडक़े सुबह कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन हुआ। देश में अमन चैन की दुआ के बाद उर्स में अच्छा कार्य करने वालों का सम्मान भी किया गया। उर्स में रुस्तम कादरी, मोहसिन जिलानी, इशाक नारू, रहीस खान, इस्लामुद्दीन कादरी, निजाम जोधपुर, रोशन कादरी, नासिर जोधपुर, सरफुद्दीन अली आशिकी जयपुर, महबूब अली भीलवाड़ा, इरफान अली कोठिया, यूसुफ पाली, हाजी मामा मिस्त्री नागौर,हाजी रशीद अहमद बीकानेर, हाजी इस्माईल खान जोधपुर, हाकम अली खा वकील चुरू, वकील हितेश श्रीवास्तव, संजीव पारीक  राजवीर सिंह चिड़ावा, मुंशी सिंह मोठुका, इशाक, रज्जाक ताला ,अब्दुल वाहिद दिल्ली, मंसूर साहेब मुंबई, अमित लुधियाना, रहीस खान सूरत, जाबिर अली यूपी, शिव प्रकाश फुलेरा सहित अनेक जायरीन मौजूद रहे।