सांभर महोत्सव : डिप्टी सीएम दीया कुमारी का अचानक मूड खराब हुआ

पर्यटन विभाग की लापरवाही और भाजपा मैनेजमेंट की कमी मुख्य कारण बनी

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। राज्य सरकार की ओर से पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने लिए प्रदेश के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में शुमार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नम भूमि का दर्जा प्राप्त (वेटलैंड) सांभरझील नगरी में टूरिज्म डिपार्टमेंट की ओर से आयोजित सांभर फेस्टिवल के उद्घाटन के लिए सांभर पहुंची डिप्टी सीएम दीया कुमारी का छोटा बाजार पहुंचने से पहले अचानक असहज होकर वापस लौटना चर्चा का विषय बना रहा, वही पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं के लिए भी एक सवालिया निशान खड़ा कर गया है। डिप्टी सीएम दीया के मूड ऑफ होने का मुख्य कारण पार्टी के जिम्मेदार कार्यकर्ताओं की ओर से  स्वागत समारोह के लिए उनकी शान शौकत व पद की गरिमा के अनुकूल तैयारी की जानी चाहिए थी वह पूरी तरह से फीकी दिखाई दी। पर्यटन विभाग के अधिकारी की भी लापरवाही परिलक्षित हुई है। 

विभाग के अधिकारी की ओर से सरकारी शेड्यूल के मुताबिक उन्हें पुरानी कोर्ट परिसर स्थित जयपुर व जोधपुर रियासत काल की ऐतिहासिक इमारतों से भी रूबरू करवाना शामिल था। सीता सागर रोड स्थित एक गार्डन में कार्यकर्ताओं में दीया कुमारी के साथ फोटो खिंचवाने की होड सी भी मची रही, लेकिन उनके डेकोरम के मुताबिक बैठने की कोई व्यवस्था अनुकूल नहीं होने पर वे ज्यादा असहज हो गई। इस दौरान पूर्व विधायक निर्मल कुमावत भी साथ थे। यहां तक भी सब कुछ नजरअंदाज कर उनका काफिला छोटा बाजार की तरफ अधिकारियों के दल के साथ रवाना हुआ, लेकिन उन्हें आगे पैदल चलने के लिए वजह बताई गई। वह जैसे ही गाड़ी से नीचे उतरी तो अचानक कन्जेस्टेड रास्तों को देखकर उनका मूड ज्यादा डिस्टर्ब हो गया। 

दीया कुमारी ने तत्काल ही पर्यटन विभाग के अधिकारी को मौके पर बुला लिया और फटकार लगाते हुए उन्हें पर्यटन स्थल के मुख्य बिंदु बताने को कहा जहां से कार्यक्रम की शुरुआत होनी थी। अचानक इस प्रकार से दीया कुमारी के असहज होने पर प्रशासन व पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए। बताया जा रहा है कि गुस्से में हुई खुद दीया कुमारी ने कहा कि मुझे इन गलियों में घूमाने के लिए लाया गया है क्या? और यहां से वे वापस अपनी गाड़ी में बैठ झील के उस क्षेत्र की ओर रवाना हुई जहां पर्यटन विभाग की ओर से मुख्य कार्यक्रम को ऑर्गेनाइज किया जाना था। इस बीच तीन-चार जगहों पर कार्यकर्ताओं की ओर से उनके स्वागत के लिए लाए गए पुष्प गुच्छ और मालाएं उनके पास ही रह गई उनसे मिलने की आस लगाए अति उत्साहित कार्यकर्ताओं में निराशा छा गई, मन मुताबिक अभिलाषा पूरी नहीं होने से कुछ के चेहरे भी पूरी तरह से लटक गए। 

काफी तादाद में महिलाएं अपने घर का कामकाज छोड़कर दीया कुमारी के स्वागत के लिए करीब दो घंटे तक फूलों का हार हाथ में लेकर खड़ी रही। बताया जा रहा है कि पार्टी पदाधिकारीयों की ओर से मैनेजमेंट का पूरी तरह से अभाव रहा। एक आम विधायक स्तर के नेता की तरह उनकी गरिमा को आंक लेना सांभर के लिए नुकसानदेह माना जा रहा है। हालांकि अपने तय निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दीया कुमारी झपोक परिक्षेत्र में पहुंची और कार्यक्रम का मुख्य हिस्सा बनी, जहां विधिवत कार्यक्रम की शुरुआत करने के बाद आयोजित अनेक कार्यक्रमों में भी उन्होंने अपनी रुचि दिखाई। ‌दूरबीन से लवणीय झील में जल किलोल करते अनेक प्रजातियों के पक्षियों को निहारा। इस दौरान पर्यटन विभाग के अधिकारी दीया कुमारी के इर्द-गिर्द ही बने रहकर उन्हें सहज करने का प्रयास करते नजर आए।