सांभर को सुंदर बनाने में नगर पालिका ने कोई प्रयास नहीं किए

सांभर के प्रमुख रास्तों पर लावारिस सांड और गायों का भ्रमण, प्रमुख मार्गो की सड़कों की हालत भी खस्ता

शैलेश माथुर की रिपोर्ट

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सांभरझील। सांभर पर्यटन नगरी में बेहतर सफाई व्यवस्था बनाने में नगरपालिका प्रशासन यानी शहर की सरकार पूरी तरह से फेल साबित हो रही है है। अध्यक्ष और चुने हुए जनप्रतिनिधि भी नगर पालिका पर इस दिशा में दबाव बनाने में राजनीतिक ताकत नहीं दिखा पा रहे हैं। लिहाजा स्थिति यह हो रही है कि नगरपालिका के तमाम अधिकारी और कर्मचारी स्वयं को शक्तिमान समझकर किसी को तवज्जो नहीं दे रहे हैं, जिसकी वजह से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यहां पर कांग्रेस बोर्ड के गठन के बाद से ही पोपा बाई का राज स्थापित हो गया है। 

बताया जा रहा है कि यदि कोई पार्षद या अन्य जनप्रतिनिधि नगर पालिका पर दबाव बनाने की कोशिश करता है तो उसे राज कार्य में बाधा उत्पन्न करने के झूंठे मामले में फंसाये जाने का डर रहता है, इसलिए कुछ पार्षद अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए बेवजह ही आफत मोल लेना नहीं चाहते हैं जबकि वह खुद मानते हैं की स्थिति बद से बदतर हो रही है। प्रदेश की निवर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पर्यटन नगरी को डवलप करने के लिए करीब 100 करोड रुपए दिए थे, ऐतिहासिक ईमारतों, देवयानी तीर्थ स्थल के अलावा अनेक धार्मिक स्थलों के रखरखाव पर खर्च भी हुए लेकिन नगरपालिका अपने जिम्मे ऐसा कोई काम कांग्रेस बोर्ड में नहीं दिखा पाई जिसे सराहनीय कामों की श्रेणी में रखा जा सके। यहां के नगर पालिका की गहराई को समझने वाले कुछ ने सफाई व्यवस्था में प्रथम स्थान मिलने पर भी सवालिया निशान खड़े किए हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह सब कुछ सेटिंग से तो नहीं हो गया है, वर्तमान स्थिति को देखते हुए सब कुछ इसके उलट फेर है। 

आवारा सांडों, लावारिस गायों, खूंखार कुत्तों का जमावड़ा ऐसा है की हर गली मोहल्ले में इन्हें आसानी से लड़ते-भिड़ते, उछल कूद करते, भ्रमण करते देखा जा सकता है, जिसकी वजह से यहां कई राहगीर, वाहन चालक तक चोटिल हो चुके हैं। सार्वजनिक पेशाब घरों की स्थिति बेहद दयनीय है, बदबू आती है, गंदगी जमा रहती है, तीन-चार महीने तक इन्हें धोया नहीं जाता है। सब्जी मंडी के पास पुरानी चारा मंडी, रामलीला रंगमंच के नजदीक, राजकीय युनानी औषधालय व गर्ल्स स्कूल के आसपास खुले में फेंका जाने वाला कचरा सभी के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। 

सिंधी बाजार जाने वाली रोड कई वर्षों से खराब पड़ी है ऊबड खाबड और गहरे गड्ढे हो गए हैं, नकाशा चौक तक जाने वाला प्रमुख मार्ग भी पेचवर्क को तरस रहा है। कई रोड लाइट समय से पहले ही बंद हो जाती है । सफाई व्यवस्था के मुद्दे को लेकर पूर्व में नेता प्रतिपक्ष अनिल कुमार गट्टानी, पार्षद धर्मेंद्र जोपट, पार्षद सुशीला शर्मा, पार्षद पति सत्यनारायण स्वामी, भाजपा मंडल अध्यक्ष जितेंद्र डांगरा की ओर से उपखंड अधिकारी, अध्यक्ष व ईओ तक को अवगत करवा चुके हैं लेकिन सफाई व्यवस्था में आंशिक सुधार के अलावा कोई खास काम नहीं हुआ है। यह समस्याएं आज भी बनी हुई है।