मौलाना आज़ाद की जयंती पर एपीआरआई में कार्यशाला का आयोजन

'‘लोकतंत्र में मतदान का महत्व‘‘ विषयक कार्यशाला

युवा पीढी मताधिकार के महत्व को समझें : डॉ सूरज सिंह नेगी

अरशद शाहीन 

ww.daylife.page 

टोंक। देश के प्रथम शिक्षा मंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के अवसर पर लोकतंत्र में मताधिकार का महत्व विषय परएक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मौलाना अबुल कलाम आज़ाद अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक में किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन अति. जिला कलेक्टर डॉ सूरज सिंह नेगी ने किया। संस्थान के निदेशक मुजीब अता आज़ाद की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में स्वस्थ मतदान तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था के निर्वहन की नागरिक शपथ ली गई। विशिष्ट अतिथि शिक्षा उपनिदेशक पन्नालाल बैरवा, मुख्य वक्ता शिक्षाविद् डॉ मनु शर्मा ने मताधिकार के महत्व एवं मौलाना आज़ाद के वैचारिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। मताधिकार जागरूकता को लेकर आयोजित प्रदर्शनी व कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन सम्पन्न हुआ। 

अति. जिला कलेक्टर डॉ सूरज सिंह नेगी ने कहा कि मौलाना आज़ाद भारतीय लोकतंत्र के निर्माता रहे,उनकी प्रेरणा से युवा पीढी को मत के महत्व को समझकर मतदान के अधिकार का प्रयोग करना चाहिए। युवा पीढी देश की कर्णधार है। मताधिकार वर्ग, जाति, धर्म, सम्प्रदाय इत्यादि से ऊपर उठकर किया जाना चाहिए। जनचेतना के साथ लोकतंत्र को मज़बूत करना आवश्यक है। कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों शिक्षाविदों का आह्वान करते हुऐ उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने दायित्व को कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाये, मताधिकार के लिए जागृति व जनचेतना के कार्य को समर्पित भाव से करें। 

मुख्य वक्ता शिक्षाविद् डॉ मनु शर्मा ने मौलाना आज़ाद तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विस्तृत प्रकाश डालते हुऐ कहा कि आदर्श लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित करने के लिए मौलाना आज़ाद की वैचारिक प्रासंगिकता सदैव रहेगी। 

निदेशक मुजीब अता आज़ाद ने कहा कि शिक्षा से जीवन में प्रकाश आता है। मौलाना आज़ाद के शिक्षा के मूल मंत्र को जीवन में अपनाकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ बनाये रखने के लिए मतदान प्रतिशत बढाने का दायित्व प्रत्येक नागरिक का है। किसी भी प्रभाव के बिना स्वविवेक से किया गया मतदान स्वस्थ लोकतंत्र की स्थापना करता है। 

विशिष्ट अतिथि शिक्षा उपनिदेशक पन्नालाल बैरवा ने कहा कि सर्वधर्म सम्भाव की भावना से कार्य करते हुऐ निर्वाचन किया जाना चाहिए। मतदान का अधिकार हमें अपना भाग्य चुनने का अवसर देता है। पांच वर्ष के लिए हम अपने भाग्य विधाता का चयन करते है। जिसे सोच समझकर किये जाने के लिऐ इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। ऐसी कार्यशालाऐं निरन्तर आयोजित की जाती रहना चाहिए। 

कार्यक्रम का संचालन मौलाना जमील अहमद ने किया। संस्थान के डॉ सैयद बदर अहमद ने नात शरीफ से कार्यक्रम की शुरूआत की। मोहम्मद आरिफ ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर भारी संख्या में शिक्षक, व्याख्याता एवं प्रबुद्व नागरिकगण सहित संस्थान के सत्यनारायण सैन, कै़सर मियां, श्याम बिहारी गौतम, श्रीमति सारा रषीद, फैसल हसनी, श्रीमति इषरतुन्निसां, मोहम्मद हुसैन, गीताराम गुर्जर, मोहम्मद इसहाक, मुरलीधर अरोड़ा, आरिफ़ कैलीग्राफिस्ट, रियाजुल हसन कैलीग्राफिस्ट, एवं अन्य स्टाफ के सदस्य उपस्थित रहे।