सांभर में इंडस्ट्रियल लगाने के लिए सभी सरकारों ने अनदेखी की

रोजगार के लिए हजारों लोग जयपुर-अजमेर कर रहे हैं अप डाउन

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। फुलेरा विधानसभा क्षेत्र के सांभर उपखंड मुख्यालय पर इंडस्ट्रियल स्थापित कर लोगों को सुलभ रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए बीते 70 वर्षों में जितनी भी सरकारे आई उनकी ओर से इस दिशा में अनदेखी की गई है। सांभर को औद्योगिक नगरी का दर्जा दिलाना तो दूर उप जिला सांभर को जिला घोषित करवाने में नाकाम रहे विधायकों की कमजोरी फुलेरा विधानसभा क्षेत्र के लिए दुर्भाग्य साबित हुई है। छिछली और डर्टी पॉलिटिक्स के कारण कुछ तथाकथित नेताओं ने अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए सांभर को गर्त में धकेलने में भी कोई कमी नहीं छोड़ी। 

रोजगार के अभाव में बीते कई दशकों में सांभर से अब तक हजारों लोग अपने खुद के व परिवार के सुनहरे भविष्य को संवारने के लिए अन्यत्र शिफ्ट हो चुके हैं। उद्योग धंधों के अभाव के कारण सैकड़ो गरीब परिवारों की महिलाएं भी नावा,  राजास आदि क्षेत्रों में नमक का काम करने के भोर होते ही घर से निकल जाती है। पर्यटन नगरी का दर्जा तो मिला लेकिन पर्यटन जैसा यहां माहौल बनाने मैं जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संस्थाओं की भूमिका भी शून्य ही रही। पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर भी यहां के धार्मिक तीर्थ स्थलों, लावणीय झील में विचरण करते खूबसूरत पक्षियों की तस्वीरें, प्राचीन इमारतें के फोटोस सांभर के इतिहास को भली-भांति से दर्शित तो करते हैं लेकिन धरातल पर सब कुछ उल्टा पुल्टा है। चिकित्सा क्षेत्र की सुविधाएं जिला स्तर की अभी तक उपलब्ध नहीं हो पा रही है। 

सांभर से अजमेर व सांभर से सीकर के अलावा शाकंभरी माता मंदिर जाने के लिए राजस्थान रोडवेज की तरफ से बस उपलब्ध नहीं है, एक दो बस के अलावा आने-जाने का कोई साधन नहीं है जो पूरी तरह से अपर्याप्त है। उपखंड मुख्यालय पर सफाई की व्यवस्था ऐसी कि बाहर से कोई देशी विदेशी आ जाए तो देखकर के सोचने पर मजबूर हो जाएगा की क्या मैं वाकई में पर्यटन नगरी में आ गया हूं। इसके अलावा एजुकेशन में भी सांभर उपखंड मुख्यालय पर कॉलेज के बाद दूसरा कोई विकल्प नहीं है लिहाजा यहां के हजारों अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए उन्हें जयपुर अजमेर अथवा अन्य जगहों पर भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। 

रेल मार्ग से सांभर से जयपुर व जयपुर से सांभर के लिए कुछ ट्रेनों के ठहराव की सुविधा अभी तक नहीं हो पाना सैकड़ों मुसाफिरों के लिए दुखदाई बना हुआ है। भूमिगत विद्युत लाईन का कार्य पेंडिग है। सीवरेज लाइन के लिए कोई खाका तैयार नहीं किया गया है। सड़कों की हालत खस्ता है। यहां के चुने हुए जनप्रतिनिधि अपनी भूमिका सही प्रकार से अदा नहीं कर रहे हैं। विकास करवाने की दिशा में यहां का व्यापारिक संगठन भी सुस्त पड़ा है। कर्मियों का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ने में यहां का युवा वर्ग पूरी तरह से सोशल मीडिया पर बिजी है। फिलहाल यहां की जनता को एक ऐसे दमदार विधायक की जरूरत है जो बिना किसी भेदभाव के फुलेरा विधानसभा क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करवाने में अपनी भूमिका अदा कर सके।