लेखक से मिलिये कार्यक्रम में कैलाश मनहर श्रोताओं से रूबरू हुए
मो फ़रमान पठान

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मनोहरपुर (जयपुर)। राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर और साहित्य सरोकार मंच, शाहपुरा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित "लेखक से मिलिये" कार्यक्रम में मनोहरपुर के जनकवि कैलाश मनहर श्रोताओं से रूबरू हुए।

कार्यक्रम के पहले सत्र में जनकवि मनहर ने वार्ताकार कमलकांत शर्मा से बात करते हुए अपनी रचना प्रक्रिया के बारे में कहा कि मैं अपने आंतरिक और बाह्य अन्तर्विरोधों से मुक्त होने के प्रयत्नों में ही काव्य सृजन कर पाता हूॅं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि कृष्ण कल्पित (भूपू अतिरिक्त महानिदेशक, दूरदर्शन) ने कहा कि वर्तमान हिन्दी कविता में कैलाश मनहर प्रतिरोधी चेतना के महत्त्वपूर्ण कवि हैं। 

सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रो सत्यनारायण ने कहा कि कैलाश मनहर नागार्जुन की परम्परा के ऐसे औघड़ कवि हैं जो परिवर्तनकामी उद्देश्य के निमित्त कविता रचते हैं। विशिष्ठ अतिथि के रूप में राजस्थानी और हिन्दी के प्रख्यात लेखक कल्याण सिंह शेखावत ने कैलाश मनहर को सहज-सरल मानसिकता का कवि बताया। 

प्रथम सत्र की अध्यक्षता डॉ भरत शर्मा ने की। द्वितीय सत्र में जनकवि कैलाश मनहर ने अपनी सुप्रसिद्ध कविता "अरे भानगढ़" सुनाई तथा उपस्थित अन्य कवियों ने भी कविता पाठ किया। साहित्य सरोकार मंच, शाहपुरा के संयोजक रामस्वरूप रावतसरे ने राजस्थान साहित्य अकादमी और आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। 

कार्यक्रम में उमेश चन्दर, कल्याण बक्ष, संतोषी, प्रकाश प्रियम, मेवाराम, रामनिवास बायंला, सन्नी लाखीवाल, अमित हारित, अनीशा शर्मा, भावना, नन्दिनी, आदित्य,अलाउद्दीन खान, पूरण वर्मा आदि सहित अनेक कवि-कलाकार और लेखक उपस्थित रहे।