क्लब का मूल उद्देश्य मानसरोवर स्थित अधिवक्ताओं के संगठन को असरदरार बनाना : अधिवक्ता विनय कान्त सक्सैना
जयपुर। मानसरोवर, महारानी फार्म स्थित सेन्ट्रल टाउन रेस्ट्रो में मानसरोवर अधिवक्ता क्लब का वार्षिक अधिवेशन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर वर्ष-2024 को मानसरोवर को मानवाधिकार संरक्षित क्षेत्र घोषित करने का ऐलान किया। मुख्य प्रवक्ता व सुप्रिम कोर्ट के अधिवक्ता डा. विनय कान्त सक्सैना ने बताया कि इस क्लब का मूल उद्देश्य मानसरोवर स्थित लगभग 250 अधिवक्ताओं के संगठन को असरदरार बना कर अधिवक्ताओं की समस्याओं का निवारण करना है।
इस अवसर पर डा. विनय कान्त सक्सैना ने बताया कि क्लब के वार्षिक अधिवेशन में इन प्रस्ताव पर सर्व सम्मति रही :- यह कि मानसरोवर क्लब का कार्य क्षेत्र मानसरोवर थाना, शिप्रा पथ थाना, मुहाना थाना व सम्पूर्ण मानसरोवर रहेगा। इन क्षेत्रो में अधिवक्ताओं के मानवाधिकारो के सरंक्षण हेतु प्रत्येक थाना क्षेत्र से 10 अधिवक्ताओं को चुन कर एक 30 सदस्यों की कोर कमेटि का गठन किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि क्लब के सभी अधिवक्ताऑ को सम्मान अधिकार प्राप्त होंगे तथा क्लब में किसी को भी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, अथवा अन्य किसी भी पदनाम से सम्बोधित नहीं किया जायेगा। सभी को अधिवक्ता-साथी के रूप में सम्बोधित किया जायेगा। क्लब का किसी भी राजनैतिक पार्टी या राजनैतिक गतिविधियों अथवा किसी धर्म विषेष या जाति विषेष से कोई सरोकार नहीं रहेगा तथा ऐसा कोई कार्य नहीं किया जायेगा। जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे। क्लब द्वारा सभी विधि-सम्मत साहयता प्रदान करने हेतु सदस्य अधिवक्ताओं द्वाारा एक विधान का निर्माण किया जा रहा है। जसके तहत क्लब की सम्पूर्ण गतिविधियां संचालित होगी।
मुख्य कार्यकारी अधिवक्ता मिर्नाक जैन ने क्लब के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला व उपस्थित सभी अधिवक्ताओं के योगदान के लिए आभार प्रकट किया। मुख्य कार्यकारी समिती के अधिवक्ता दिवाकर रावल, दीनेष पाठक, गोविन्द सिंह चन्द्रावत, शीभू अब्राहम व अधिवक्ता शीला हरवानी, नीशा जैन के महत्वपूर्ण योगदान के लिए धन्यवाद प्रेषित किया।इस अवसर पर मिर्नाक जैन ने बताया कि सम्मेलन में बार कांउन्सिल ऑफ राजस्थान, राज. हाई. कोर्ट बार एसोसियेशन व डिस्ट्रीक्ट बार एसोसियेषन जयपुर के वर्तमान व पूर्व पदाधिकारी की मौजूदगी में ये सम्मेलन सम्पन्न हुआ तथा अधिवक्ता जैन ने बताया कि अब से प्रत्येक वर्ष इस तरह का अधिवक्ता अधिवेशन का आयोजन किया जायेगा तथा अधिवक्ता की समस्याओं के निवारण हेतु प्रयास किये जायेंगे।