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लखनऊ। भारत के उत्थान में हिन्दी साहित्य की भूमिका एवं आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान समारोह का आयोजन उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, हजरतगंज, लखनऊ में भव्यता के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न 15 राज्यों से आये 90 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। यहां आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ जागृति शुक्ला द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना से हुआ। डॉ आनन्देश्वरी अवस्थी ने आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए हिन्दी का महत्व समझाया एवं सभी अतिथियों का स्वागत किया। न्यास के केन्द्रीय अध्यक्ष सुजीत कुंतल ने न्यास द्वारा मानव कल्याण और राष्ट्रहित में किये जा रहे कार्यों से सभी को अवगत कराया। सत्र का संचालन डॉ शशि अग्रवाल ने किया। इस सत्र में न्यास के विभिन्न विभागों के प्रमुखों द्वारा वर्ष भर में किये गये कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया गया। इसी सत्र में न्यास की ओर से विभिन्न उत्तरदायित्वों हेतु नामों की घोषणा की गई। डॉ शशि अग्रवाल, केन्द्रीय उपाध्यक्ष, डॉ आनन्देश्वरी अवस्थी एवं शैलेन्द्र श्रीवास्तव, केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य, एडवोकेट सुमित्रा चौधरी, क्षेत्रीय अध्यक्ष दिल्ली एवं राजस्थान, डॉ रचना विश्नोई प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश, डाॅ शालिनी यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान, डॉ कान्ति लाल यादव, प्रदेश सचिव, राजस्थान, पुष्प राज सिंह, सचिव , प्रयागराज इकाई, डॉ मोहित मिश्रा, अध्यक्ष मुरादाबाद इकाई एवं श्री दत्ता शिवराम शाकोटे, अध्यक्ष, महाराष्ट्र इकाई के दायित्वों की भी घोषणा की गई।
अकादमिक सत्र का संचालन ऋतु श्रीवास्तव ने किया। यह सत्र संगोष्ठी के विषय से संबंधित सत्र था। इस सत्र में आदरणीया रमा अग्रवाल जी नें राष्ट्रीय चेतना पर आधारित कविता की प्रस्तुति दी। डॉ साबित्री मिश्रा और डॉ शालिनी यादव ने अपने बहुमूल्य शब्दों से देश के चहुंमुखी विकास में हिन्दी साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। सत्र के अध्यक्ष डॉ पंकज ने बड़े विनोद पूर्ण ढंग से आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के जीवन की घटनाओं को प्रस्तुत किया। विशिष्ट वक्ता डॉ रोचना विश्नोई जी ने साहित्य की महत्ता को उजागर करते हुए कहा कि साहित्य हमारे विचारों को कम से कम शब्दों में व्यक्त करने का सर्वोत्तम साधन है। विशिष्ट अतिथि सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सुमित्रा चौधरी ने न्याय के क्षेत्र में हिन्दी की महत्ता पर विचार रखे।
समारोह के समापन सत्र में डॉ प्रत्यूष वत्सला द्विवेदी ने मंच का संचालन किया। न्यास के अध्यक्ष सुजीत कुंतल सभी का स्वागत एवं न्यास के उद्देश्यों को सभी के समक्ष रखा। सत्र की मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ बिंध्या बिंदू सिंह नें आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी के जीवन पर अपने उद्गार व्यक्त किये एवं सभी का मार्गदर्शन किया। सत्राध्यक्ष एवं न्यास के संरक्षक डॉ उमेश पालीवाल ने न्यास के कार्यों की सराहना करते हुए युवाओं को हिन्दी एवं समाज कल्याण हेतु कार्य करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर डॉ. (श्रीमती) सरला अवस्थी, डॉ शशि अग्रवाल, डॉ अनिता सिंह, डॉ आनन्देश्वरी अवस्थी, डॉ सरिता सिंह, डॉ कान्ति लाल यादव, प्रो सुमन सिंह, डॉ दत्ता शिवराम साकोले, डा हेमा पांडे, भारती पायल, पुष्प राज सिंह, डॉ अनिल कुमार सिंह, रमा अग्रवाल, अनन्त प्रकाश तिवारी, अंजना मिश्रा, प्रो पंकज सिंह, डॉ अतुल मोहन सिंह, डॉ मीरा देवी, डॉ सोनी स्वरूप, माया मेहता, डॉ रमेश प्रताप सिंह, डॉ रीमा सिन्हा, डॉ अनीता तिवारी, डॉ. रश्मिशील, शशी तिवारी, डॉ कुसुम चौधरी, पूनम सिंह, पायल लक्ष्मी सोनी, डा. मोनिका देवी, डॉ. प्रीति सिंह, डॉ संगीता, कमल किशोर 'भावुक', डॉ मोहित मिश्रा, रोशनी रावत, डॉ महिमा सिंह, मीना रवि, डाॅ शालिनी यादव, निवेदिता चतुर्वेदी आदि को आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। न्यास की केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य अलका रानी नें सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। यहां न्यास के सदस्य बालिका सेन गुप्ता, ऋतु श्रीवास्तव, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, शशी सिंह आदि मौजूद रहे।