जयपुर।
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ज़बाब तो तुझे, मुझको देना होगा,
आज़ नहीं, कल नहीं, इस जन्म में नहीं,
पर किसी जन्म में तो देना होगा,
आँख से बहे उन आँसुओं का,
दिल में जगाकर, बुझाये जज़्बातों का,
साथ गुज़ारे हंसीं लम्हों का,
करके तोड़ दिए वादों का, कसमों का,
ज़बाब तो तुझे देना होगा,
आज़ नहीं, कल नहीं, इस जन्म में नहीं,
पर किसी जन्म में तो देना ही होगा।
मेरी रुह राहत के गीतेरा हर जन्म,
तेरे आने तक,
अपने सवालों के ज़बाब पाने तक,
तुझे आना ही होगा, क्या था
तेरी बेवफ़ाई का राज़, बताना ही होगा।