कलंदर सोसायटी की कार्यशाला में सीख रहे हैं आधुनिक नाट्य विधाएं

NSD के प्रख्यात रंगकर्मियों द्वारा दिया जा रहा है प्रशिक्षण

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जयपुर। गत 1 जून से कलंदर सोसायटी जयपुर व  राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली के सयुंक्त तत्वावधान में 40 दिवसीय नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें राजस्थान के वरिष्ठतम रंगकर्मियों के साथ साथ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली व मध्यप्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के सुविख्यात रंगकर्मियों द्वारा युवाओं को आधुनिक नाट्य विधाओं व तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कार्यशाला निर्देशक रुचि भार्गव नरूला ने बताया कि कार्यशाला हेतु 140 से अधिक प्रतिभागियों के आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से ऑडिशन के माध्यम से 32 प्रतिभागियों का चयन किया गया। 

कौशल व रंगकर्म के प्रति समर्पण के आधार पर प्रतिभागियों का चयन किया गया है। इस 40 दिवसीय कार्यशाला का समापन आगामी 10 जुलाई को नाटक की मंचीय प्रस्तुति के साथ होगा जिसमें राजस्थान की लोक संस्कृति के साथ ही रंगमंच के आधुनिक बदलावों की झलक एकसाथ देखने को मिलेगी। वर्तमान में वर्ल्ड माइम आर्गेनाइजेशन के सदस्य कुणाल मोटलिंग और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से प्रशिक्षित एवं मेटा बेस्ट थिएटर एक्टर अवार्ड विजेता अजीत सिंह पालावत प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दे रहे है। आने वाले दिनों में राजस्थान के वरिष्ठ रंगकर्मी गोपाल आचार्य, ईश्वर दत्त माथुर एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से सौति चक्रवर्ती एवं अरुण मलिक तथा मध्यप्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक टीकम जोशी जी भी कार्यशाला के प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देंगे।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं को रंगकर्म के प्रति प्रेरित करने के लिये इस वर्ग के 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवाओं के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था रखी गई है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लोक संस्कृति व कलाओं और रंगमंच की नवीनतम तकनीकों , विधाओं व नवीनतम परिवर्तनों व इनकी स्वीकार्यता के प्रति युवाओं में जागरुकता लाना है।