एक फौजी की पत्नी की पाती...

फ़ौजी सरहद पे देश सेवा में समर्पित, पत्नी घर की सेवा को समर्पित 

जाफ़र लोहानी

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मनोहरपुर (जयपुर)। एक फौजी कि पत्नी का संघर्ष तो उनके विवाहसूत्र में बंधते ही शुरू हो जाता हैं। शादी के कुछ दिनों बाद ही अपने पति से दूर रहना बड़ा कठिन था, लेकिन वो थीं तो एक फौजी कि पत्नी, घर सँभालने का वादा किया। जिससे कैप्टेन अपने वतन के फर्ज को निकल पड़े। फौजी की पत्नी कोमल शेखावत और उन जैसी तमाम जवान कि पत्नियाँ, बहुत फख्र महसूस होता है उन पर भी, और उनकी हिम्मत पर अपने पति के अनुपस्थिति में घर को संभालना, अपने बच्चों के जीवन में माता-पिता दोनों के भाग को जीना और साथ हीं सरहद पर बने अपने पति कि चिंता उन्हें खाती होगी, जब तक बात ना हो और सोचती होंगी चलो आज का दिन तो अच्छे से गुजर गया। सरहद पर रक्षा करने वाले जवान देश के लिए जीते हैं और देश के खातिर ही अपनी जान न्योछावर कर देते हैं।  

आज हम अगर चैन कि नींद सोते हैं तो सिर्फ उनकी वजह से और उनका ऋण हम कभी नहीं चुका सकतें। उन फौजियों के साथ-साथ उनकी पत्नियों को भी जीवन में कितनी हीं परिस्थितियों का सामना करना पड़ता हैं, घर का सुख त्याग कर, अपने परिवार से दूर सरहद पे लड़ते अपने पति की फ़िक्र में रहना। कोमल शेखावत बताती है की उन्हे सोशल मीडिया पे अपने फौजी पति की फोटो भी नही डाल सकते। जहा ड्यूटी है वहा बच्चो के साथ छुट्टियों में आते है लेकिन साहब के पास केवल ड्यूटी। वापस अब गांव आयेगे वो सरहद पे रक्षा करेगे हम घर की रक्षा। कई बात स्ट्रिंग ऑपरेशन में कई कई दिन हो जाते है बात नही हो पाती लेकिन क्या करे भगवान भरोसे रहना पड़ता है। एक एक पल जब उनसे दूर होते है तो चिंता रहती है की कब दुश्मनों की गोली उन्हें लग जाए। लेकिन एक फौजी की पत्नी होने के गर्व का अलग ही एहसास होता है। हम धन्य है जिस  भारत देश में ऐसी मातृशक्ति है जो अपने अपने फौजी पति की जिमेदारियो को बखूबी निभा रही है।