सईद अहमद चौहान की बेटी नीलोफर चौहान ने पहला रोजा रखा

मो फ़रमान पठान

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मनोहरपुर (जयपुर)। बड़ो को रोजा रखते हुए देखकर छोटे बच्चों में भी अपने ख़ुदा की ईबादत करने का जज़्बा पैदा होता रहा हैं इसके लिए वो बार-बार सेहरी के समय मे उठकर रोजा रखने की ज़िद करते है, बड़ो के मना करने पर भी रोजा रख रखकर अपने ख़ुदा को अपने सब्र का इम्तिहान दे रहे है। कस्बे के मोहल्ला तोपचीवाड़ा के नायब सदर सईद अहमद चौहान ने बताया कि उनकी 9 वर्षीय सुपुत्री नीलोफर चौहान ने पहला रोजा रखकर अपने सब्र का इम्तिहान दिया है।

नीलोफर चौहान ने सुबह जल्दी 4: 53 बजे उठकर खाना खाकर सेहरी की उसके बाद 14 घंटे भूखें प्यासे रहकर 6 बजकर 48 मिनट पर रोजा खोला। इस दौरान घर परिवार वालों ने बच्ची को मालाए पहनाई व मिठाई खिलाकर रोजा इफ्तार करवाया। 

नीलोफ़र चोहान ने बताया कि 14 घण्टे में भूख व प्यास तो लगी थी लेकिन ख़ुदा की मोहब्बत ही थी जो पूरा रोजा रखने की हिम्मत दे रही थी!इधर परिवार के लोग मेरा होंसला बढ़ा रहे थे! नए कपड़े मिले इनामतो से नवाजा गया मेरे रोजा रखने की ख़ुशी में दावत दी गई इससे बहुत अच्छा लगा। घर के बड़े बुजुर्गों ने बच्ची को दुआओं से नवाजा साथ ही सभी ने रोजा खोल कर नमाज अदा की और भारत देश के लिए अमन चैन की दुआ मांगी।