राजकीय यूनानी औषधालय सांभर में होगा सुविधाओं का विस्तार

राष्ट्रीय आयुष्मान भारत योजना में हर्बल गार्डन के लिए हुआ चयन

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। राष्ट्रीय आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत सांभर राजकीय यूनानी औषधालय में हर्बल गार्डन विकसित किए जाने के लिए इसका चयन हुआ है। यूनानी चिकित्सा विभाग के  निदेशक डॉ फैयाज खान ने आयुष हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर हर्बल गार्डन विकसित किए जाने के लिए प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी है। 

औषधीय पादपों की खरीदारी के लिए प्रथम चरण में 20 हजार रुपए मंजूर किए गए हैं तथा इसके पश्चात गार्डन के रखरखाव, संरक्षण के लिए समय-समय पर अलग से वित्तीय व्यवस्था और की जाएगी। सांभर राजकीय यूनानी औषधालय की चिकित्सक आयशा सिद्दीका को सेंटर के प्रभारी अधिकारी पद की भी जिम्मेदारी दी गई है। योजना अंतर्गत आने वाले कुछ समय में चिकित्सा सुविधाओं का और विस्तार होगा। भारत सरकार आयुष मंत्रालय की ओर से इसके लिए प्रभावी कदम भी उठाए जा रहे हैं।  

इसके पीछे मूल भावना यह है कि देश के लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए आयुष चिकित्सा पद्धति को अपनाने के लिए अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करना व योग के माध्यम से लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए जागरूक करना है। सांभर की डॉक्टर आयशा सिद्दीका ने बताया कि यहां पर योग प्रशिक्षक की नियुक्ति के लिए आदेश प्राप्त हो चुके हैं इसके लिए प्रशिक्षक की ओर से आने वाले लोगों को योगिक क्रियाएं सिखाई जाएगी।विभागीय निर्देशानुसार भवन का रंग रोशन कराया जाएगा। मरीजों के लिए जांच सुविधाएं भी उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि सांभर औषधालय का हर्बल गार्डन विकसित किए जाने के लिए चयन हुआ है इससे जुड़ी बहुत सी जानकारी लोगों को मिलेगी।

 औषधालय के कंपाउंडर भगवान सहाय महर्षि को गार्डन की देखरेख रखरखाव के लिए खास तौर पर निर्देशित किया गया है, उन्होंने आने वाले लोगों को इसकी उपयोगिता की जानकारी देते हुए लोगों को अपने घरों में औषधीय पौधे लगाने की बात कही। स्थानीय औषधालय में प्रमुख रूप से मंडूकपरणी, हड्डजोड़, भृंगराज, अडूसा, वज्रदंती, आमला, शतावरी, अश्वगंधा, निर्गुंडी, गिलोय, अरंड, नीम, नींबू, एलोवेरा, तुलसी, वाहिमी, चमेली सहित अनेक औषधीय पौधे शामिल किए गए हैं। इस मामले में विभाग के उप निदेशक महमूद हसन सिद्दीकी का कहना है कि हर्बल गार्डन विकसित होने से स्थानीय स्तर पर लोगों को औषधीय पौधों की जीवंत जानकारी सहजता से मिल सकेगी। इससे लोगों में एक नई जागरूकता पैदा होगी। आयुष पद्धति से इलाज के लिए लोगों का विश्वास और बढ़ेगा। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर योग टीचर के माध्यम से लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की कला भी सिखाई जाएगी।