नफ़रत के वातावरण पर संयुक्त जन आंदोलन ने जताया दु:ख

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जयपुर। मेवात हमेशा से ही पशुपालकों तथा किसानों का इलाक़ा रहा है। यहाँ हिन्दू तथा मुस्लिम समाज मिल-जुल कर रहते आए हैं। परन्तु पिछले कुछ सालों से क्षेत्र में लगातार साम्प्रदायिक तत्व सक्रिय हैं जो ग्रामीणों के बीच नफ़रत का वातावरण बना रहे हैं। यही कारण है कि कुछ सालों से आए दिन घृणा युक्त बयान जारी किये जाते हैं और लोगों को आपस में लड़ाने के प्रयास किये जाते हैं। यह बात जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संयुक्त जन आंदोलन, राजस्थान के पदाधिकारियों ने कहे। राजनेता भी इस स्थिति का लाभ उठा कर भड़काऊ भाषणों के माध्यम से लोगों को बांट कर अपना वोट बैंक मज़बूत करते रहते हैं। इसका शिकार बेचारे निर्दोष ग्रामीण होते हैं और तथाकथित गोरक्षक दल, अब तक गोरक्षा के नाम पर अनेक निर्दोष किसानों पथा पशुपालकों की जानें ले चुके हैं। इस क्षैत्र में साम्प्रदायिक नफ़रत का शिकार होने वालों में पहलू ख़ान, अकबर ख़ान उर्फ रकबर ख़ान तथा मोहम्मद उमर प्रमुख हैं तथा अब नासिर एवं जुनैद इनके शिकार बने हैं।

दिनांक 15 फ़रवरी 2023 को प्रातः 4-5 बजे भरतपुर ज़िले के पहाड़ी थानांतर्गत ग्राम घाटमीका निवासी नासिर पुत्र ग़नी (25) तथा जुनैद पुत्र हारून (35) की 15 फरवरी 2023 को बेरहमी के साथ जला कर हत्या कर दी गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, हत्यारे उन्हें पहले फ़िरोज़पुर झिरका थाने में ले कर गए परन्तु अधिक घायल होने के कारण वहाँ के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें अपनी सुरक्षा में लेने के बजाए अस्पताल ले जाने को कह कर भेज दिया जिसके बाद हत्यारे उन्हें घायल अवस्था में ही गाड़ी में डाल कर घुमाते रहे फिर भिवानी ज़िले के लोहारू में ले जा कर उन्ही की बोलेरो कार में डाल कर जला दिया।

पुलिस एवं प्रशासन की ओर से लापरवाही पर आक्रोश प्रकट करने के लिए दिनांक 24 फरवरी 2023 को मोती डूंगरी रोड पर एक प्रदर्शन तथा आम सभा का भी आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त मृतकों के परिजनों एवं ग्रमीणों द्वारा भी स्थानीय तौर पर अनेक धरने एवं प्रदर्शन किये। गत 6 मार्च 2023 को प्रदेश के प्रमुख सामाजिक एवं मानवाधिकार संगठनों की एक सभा आयोजित की गई जिसमें सभी धर्मों से समबन्धित लोग शामिल थे। बैठक में नासिर-जुनैद हत्याकण्ड के सभी पहलुओं पर विचार किया गया। सभी संगठनों ने राज्य सरकार तथा पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से असंतोष व्यक्त किया। संगठनों ने इस बात पर भी नाराज़गी व्यक्त की कि इस सम्बन्ध में अब तक पुलिस ने केवल एक ही आरोपी को गिरफ़्तार किया है जबकि मुख्य आरोपी मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर सहित अन्य आठ आरोपी अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर हैं। संगठनों ने अब तक सरकार द्वारा दिये गए मुआवज़े पर भी असंतोष प्रकट किया।

इस अवसर पर सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि राज्य सरकार मुख्य आरोपी मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर सहित सभी आरोपियों के विरूद्ध संतोषजनक कार्रवाई नहीं करती है तो सर्व समाज के सभी जनसंगठन बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन करेंगे और जन-आन्दोलन चलाएंगे। 

राजस्थान के प्रमुख जनसंगठन : राजस्थान समग्र सेवा संघ, राजस्थान मुस्लिम फोरम, जमाअते इस्लामी हिंद राजस्थान, दमन प्रतिरोध आंदोलन राजस्थान, एपीसीआर राजस्थान, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, वहदत ए इस्लामी राजस्थान, जमीअत उलमा ए हिंद राजस्थान, ऑल इण्डिया मिल्ली काउंसिल राजस्थान, पीयूसीएल राजस्थान, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया राजस्थान, भारतीय बोद्ध महासभा, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया राजस्थान, मुस्लिम प्रोग्रेसिव फेडरेशन राजस्थान, जयपुर शिया कम्युनिटी, आजाद फाउंडेशन, इरादा सोसाइटी, अखिल भारतीय आदिवासी परिषद जनमोर्चा, एडवा, राजस्थान नागरिक मंच, एमपीएफ, एनएफआईडब्ल्यू राजस्थान, डब्ल्यूपीएफएम राजस्थान, फोरम फॉर डेमोक्रेसी एण्ड कम्यूनल एमिटी राजस्थान, ऑल इंडिया तंजीमे मिल्लत राजस्थान, ज्वाइंट एक्शन फॉरम राजस्थान, जनमोर्चा राजस्थान, आदिवासी विकास परिषद राजस्थान, आज़ाद समाज पार्टी राजस्थान, डेमोक्रेटिक फ्रंट राजस्थान, दलित एकता मंच तथा अन्य जनसंगठन।

इस अवसर पर मोहम्मद नाजिमुद्दीन, के सी घुमारिया, टीसी राहुल, हाफिज मंजूर, अ सलाम जोहर, शहाबुद्दीन खान ,मुजम्मिल रिजवी, वकार अहमद, निशा सिद्धू, डॉ दशरथ हिंनोनिया, अब्दुल लतीफ आर को, शब्बीर कारपेट, डॉ इकबाल सिद्दीकी, अकरम जैदी, मेमुना नरगिस, गजेंद्र हिदा, मुजाहिद नकवी, शैलेंद्र अवस्थी, साहिब आलम, शोएब खान, रहबर रज़ा एवं अन्य लोग शामिल रहे।