रोजा आक्रामक व्यवहार और सांसारिक उत्तेजनाओं से बचाता है

माहे रमजान पर विशेष : रमज़ान किस लिए? 

लेखक : शाहिद हुसैन 

जयपुर (राजस्थान)

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रमजान उर्दू में इस्लामी कैलेंडर का नवा महीना है सारी दुनिया के मुसलमान इसे रोजे के रूप में मनाते हैं इस वार्षिक अनुष्ठान को इस्लाम के 5 स्तंभों में से एक माना जाता है हदीस में संग्रह किए हुए हजरत मोहम्मद साहब की जीवनी के अनेक विवरणों के आधार पर यह महीना चांद दिखाई देने के आधार पर 29 या 30 दिन का होता है। 

कुरआन-ए-पाक में अल्लाह का इरशाद है ऐ ईमान वालों तुम पर रोजे फर्ज (अनिवार्य) किए हैं जिस प्रकार से तुमसे पहले के लोगों पर फर्ज किए थे शायद कि तुम परहेज़गार (संयमी) बन जाओ। (कुरआन 2:183) रोज़ा ऐक महत्वपूर्ण इबादत है। जो हर कोम में हर धर्म में किसी न किसी रूप में पाई जाती है। 

रोज़ा केवल भूखा प्यासा रहने का ही नाम नहीं है। रोज़े का असल मक़सद अल्लाह (ईश्वर) का डर रोजदार की ज़िंदगी में पैदा हो जाए और वो अपनी ज़िंदगी को बुराइयों से बचाकर भलाइयों में गुज़ार दे।

रोज़े की शाब्दिक परिभाषा की जाए तो रोजे का अर्थ रुकना सब्र करना यानी रोजे का अर्थ रमजान के महीने में पूरी तरह खाने-पीने धूम्रपान और हर तरह की अभद्र भाषा, आक्रामक व्यवहार और सांसारिक उत्तेजनाओं और इच्छाओं से भौंर से लेकर सूर्यास्त तक अपने आप को  बचाना असल में यह सब इसलिए है कि आगे आने वाले जीवन में हम एक अच्छे इंसान बन जाए इस महीने में अच्छे कामों का सवाब (पुण्य)कई गुना ज्यादा है.

कुरआन रमज़ान माह में ही अवतरित होना आरम्भ हुआ जो सारे इंसानों के लिए मार्ग दर्शन है।

इसमें कई आध्यामिक लाभ होते हैं_

1. ये एक महीने का आध्यात्मिक प्रशिक्षण का महीना है जिसमें रोज़ा रखने वालों में काफ़ी सुधार आता है।

2. रोज़ा रोज़दार को शुद्ध प्रेम की शिक्षा देता है रोज़ा रखने वाला रोज़ा अल्लाह से गहरे प्रेम के कारण रखता है। जो अपने रचैता से इतना गहरा प्रेम करता है उसकी रचना से भी प्रेम करना स्वाभाविक है। ये भावना इंसानों में ऐकता का माहोल पैदा करती है।

हज़रत मुहम्मद साहब ने फ़रमाया हर चीज़ को पाक(पवित्र) करने के लिए ज़कात है और मानसिक और शारीरिक बीमारियों से पाक करने के लिए ज़कात (दान) रोज़ा है।

रमज़ान हर साल आता है हमे ये देखना चाहिए कि हमारे जीवन में रोज़े रखने से कितना बदलाव आया ?और हमारे जीवन के कितने पहलुओं (पक्षों) में सुधार हुआ? (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)