अजमेर उर्स के शुरूआत के साथ ही पोते की दरगाह में भी जायरीन लगा रहे हैं हाजिरी
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सांभरझील (जयपुर)। यह पुरानी धानमंडी स्थित अजमेर ख्वाजा साहब के सगे पोते ख्वाजा हुसामुद्दीन चिश्ती जिगर सोख्ता रहमतुल्लाह अलेह के दरगाह में इन दिनों भारी तादाद में जायरीन के आने का सिलसिला बना हुआ है। बता दें कि अजमेर ख्वाजा साहब के उर्स की विधिवत शुरुआत होने के साथ ही सांभर में भी उर्स की हलचल शुरू हो जाती है। यहां अनेक प्रांतों से रोजाना सैकड़ों की संख्या में अलसुबह जायरीन ख्वाजा साहब की दरगाह में जाकर जियारत करते हैं और मन की मुरादे पाते हैं।
अमन चैन की दुआओं के साथ देश में खुशहाली की कामना करते हैं। ख्वाजा साहब की चौखट चूम कर अकीदत के फूल पेश कर उनकी आस्ताने दरबार में हाजिर लगाने का दौर सुबह से देर रात तक लगातार बना हुआ है। नकाशा चौक में काफी तादाद में बसों का ठहराव होने व जायरीनो की आवाजाही होने से यहां पर उर्स जैसा माहौल भी बना हुआ है। बाहर से आने वाले जायरीनों के लिए यहां पर फीणी का व्यवसाय करने वाले फुटकर दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें सजा ली है। बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए यूं तो दरगाह परिसर स्थित अंजुमन हुसामियां दरगाह कमेटी की ओर से इनके इंतजाम के लिए व्यवस्थाएं देखी जाती है।