हाथकर्घा प्रोत्साहन के लिए एक-दिवसीय ‘डिजाइन विकास कार्यशाला‘

राजस्थान स्टेट हैण्डलूम डवलपमेट कॉरपोरशन लि. द्वारा भारतीय शिल्प संस्थान के सहयोग से आयोजित


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जयपुर। राज्यव्यापी हाथकर्घा प्रोत्साहन के लिए एक-दिवसीय डिजाईन विकास कार्यशाला का आयोजन जयपुर में झालाना इंस्टीट्यूशनल एरिया में भारतीय शिल्प संस्थान (इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ क्रॉफ्ट्स एंड डिजाइन - आईआईसीडी)  में किया गया। राजस्थान स्टेट हैण्डलूम डवलपमेट कॉरपोरशन लि. द्वारा भारतीय शिल्प संस्थान के सहयोग से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में  अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक, राजस्थान स्टेट हैण्डलूम डवलपमेट कॉरपोरशन लि., डॉ. मनीषा अरोड़ा, भारतीय शिल्प संस्थान की निदेशिका डॉ तूलिका गुप्ता और श्री तपन शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर, बुनकर सेवा संघ, भारत सरकार ने संबोधित किया। कार्यशाला में देश एवं प्रदेश के प्रसिद्ध डिजाइनर्स, नेशनल अवार्डीज, कला विशेषज्ञों एवं हाथकर्घा उद्योग के लगभग 30 आर्टिजन्स एवं वीवर्स ने भाग लिया।

अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक, राजस्थान स्टेट हैण्डलूम डवलपमेट कॉरपोरशन लि., डॉ. मनीषा अरोड़ा ने बताया कि वर्कशॉप में आईआईसीडी की फैकल्टी द्वारा वीवर्स एवं आर्टिजन्स को टैक्सटाइल में प्रचलित डिज़ाइन्स के नये ट्रेंड की जानकारी दी गई। उन्होंने सभी को आवाहन किया कि राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को अपने वार्डरोब में हैंडलूम वस्त्रों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करना चाहिए ताकि राज्य के बुनकरों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया जा सकें एवं राज्य के परम्परागत हाथकर्घा क्रॉफ्ट्स को सरंक्षण एवं प्रोत्साहन दिया जा सके।

भारतीय शिल्प संस्थान की निदेशिका, डॉ तूलिका गुप्ता ने बताया कि वर्कशॉप में शामिल होने वाले आर्टिजन अपने-अपने काम में माहिर है। हमारी फैकल्टी इस वर्कशॉप के दौरान इन्हें नए तरीके के डिजाइन सिखायेंगी जिससे इनके प्रोडक्ट हाथों-हाथ समान बिक सके।

उल्लेखनीय है कि वर्कशॉप में भाग लेने के लिए मांगरोल, कैथून, कोटा, बालोतरा, बाड़मेर, आमेर, जयपुर, किशनगढ़, बगरू, सांगानेर एवं  चित्तौड़गढ़ से आर्टिजन्स ने भाग लिया। वस्त्र उद्योग की प्रकृति एवं परम्परा के अनुसार नित नये कलर पैटर्न एवं डिजाईनों के बदलाव की आवश्यकता रहती है, ताकि ग्राहकों को नये फैशन के वस्त्र प्राप्त हो सके, इसी उद्देश्य को लेकर इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन प्रत्यके वर्ष किया जाता है।