न्यायिक अधिकारियों व बीमा कम्पनियों के वकीलों के मध्य चर्चा, आगामी लोक अदालत को लेकर तैयारी बैठक
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सांभरझील (जयपुर)। आगामी 11 फरवरी को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की आगामी तैयारी को लेकर न्यायिक अधिकारियों व बीमा कंपनियों के अधिवक्ताओं के मध्य बैठक का आयोजन हुआ जिसमें लोक अदालत के दौरान राजीनामा के जरिए अधिक से अधिक प्रकरणों का निस्तारण करवाने के लिए खास चर्चा की गई। अध्यक्ष, तालुका विधिक सेवा समिति व अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश क्र.स. 1 बृजेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित हुई बैठक में इसके लिए रूपरेखा भी तैयार की गई।
बैठक में अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश, क्र.स.2, नीरज भामू, वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्तमा माथुर, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, राहुल शर्मा, ग्राम न्यायाधिकारी, पूजा मीना, सांभर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह खंगारोत, अधिवक्ता लालचन्द कुमावत, बेनीगोपाल बागड़ा, यासीन मोहम्मद, नितेश जांगिड, रतनलाल चौधरी, निशांत शर्मा, तेजपाल कुमार प्रजापत, खेमराज कुमावत सहित अनेक की मौजूदगी रही। बैठक में अधिकाधिक प्रकरण आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में रैफर करने हेतु निर्देशित किया गया।
न्यायिक अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री लिटिगेशन में धारा 138 प्राकम्य लिखित अधिनियम (एन.आई.एक्ट) के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, श्रम एवं नियोजित संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिलों के भुगतान से संबंधित प्रकरण, भरण पोषण से संबंधित प्रकरण एवं राजीनामा योग्य अन्य प्रकरणों (जिस पर किसी प्रकार का कोर्ट फीस या अन्य कोई खर्चा नही होता) पर सुलह वार्ता की जाती है तथा न्यायालय में लम्बित दाण्डिक शमनीय प्रकरण, धारा 138 प्राकम्य लिखित अधिनियम (एन.आई.एक्ट) के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एम.ए.सी.टी के प्रकरण श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिलों के भुगतान से संबंधित प्रकरण, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर) भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले एवं अन्य प्रकृति के प्रकरणों का लोक अदालत की भावना से निस्तारण किया जाता है।
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय लोक अदालत प्रदेश के समस्त न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों / विवादों पूर्व प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रत्येक न्यायालय में लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है लोक अदालत सभी न्यायालय सिविल, आपराधिक पारिवारिक, एम.ए.सी.टी ओर उच्च न्यायालयों में लगेगी, लोक अदालत वैवाहिक /पारिवारिक विवाद, मोटर वाहन दुर्घटना क्लेम प्रकरण सभी दीवानी प्रकरण श्रम एवं औधोगिक विवाद, पेंशन मामले, बैंक वसूली मामले, सभी राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, विवाद पूर्व प्रकरण आदि मुकदमों का फैसला करेगी। लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारान की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है।