‘इन्वेस्ट राजस्थान समिट‘ के एमओयू कार्यान्वयन में टैक्सटाईल सेक्टर उभरा

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जयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा अक्टूबर माह में जयपुर में ‘‘कमिटेडः डिलीवर्ड‘‘ थीम पर आयोजित ‘इन्वेस्ट राजस्थान समिट‘ कामयाबी की नई इबारत लिखने जा रहा है। दुबई के अलावा दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद,  बैंगलौर, अहमदाबाद और जयपुर में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट के दौरान कुल 4,192 एमओयू एवं एलओआई प्राप्त हुए थे, जिनमें से लगभग 46 प्रतिशत से अधिक प्रोजेक्ट्स (कुल 1,939 प्रोजेक्ट्स) धरातल पर आने के लिए तैयार हैं अथवा कार्यान्वयन के अग्रिम चरण में हैं। उम्मीद है कि आगामी कुछ माह में प्रोजेक्ट कार्यान्वयन की दर और बढ़ने की संभावना है। 

रोजगार सृजन में टैक्सटाईल बना प्रमुखता से उभरता हुआ सेक्टर

रोजगार की दृष्टि से यदि देखें तो टैक्सटाईल सेक्टर प्रथम स्थान पर उभर कर आया है। टैक्सटाईल सेक्टर में लगभग 8,003 करोड़ रूपयों के निवेश से लगभग 38,900 व्यक्तियों के रोजगार का सृजन होगा। रोजगार सृजन में दूसरे स्थान पर एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग सेक्टर है। इस सेक्टर में लगभग 4,403 करोड़ रूपयों के निवेश से लगभग 38,097 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। रोजगार सृजन में एनर्जी सेक्टर तीसरे पायदान पर है।  इसी क्रम में माइंस एवं मिनरल, सीमेंट, टूरिज्म, मेडिकल एवं हेल्थ आदि क्षेत्र निवेश की दृष्टि से उभरते हुए सेक्टर है, जो राज्य के लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर लेकर आयेंगे। 

निवेश की दृष्टि से एनर्जी के बाद केमिकल एवं पेट्रोलियम सेक्टर बना दूसरा प्रमुख सेक्टर

इण्डस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स के कार्यान्वयन से राज्य में लगभग 2,59,590 लोगों को ना केवल मिलेगा रोजगार बल्कि लगभग 2,06,067 करोड़ रूपयों से अधिक के निवेश का मार्ग भी प्रशस्त होगा। यदि हम निवेश की दृष्टि से प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों की बात करें तो - एनर्जी सेक्टर में लगभग 1,12,233 करोड़ के निवेश से लगभग 36,001 रोजगार का सृजन होगा। केमिकल एवं पेट्रोलियम सेक्टर निवेश की दृष्टि से राज्य में दूसरे नम्बर पर उभर कर आया है। इस सेक्टर में लगभग 35,450 करोड़ रूपयों के निवेश से लगभग 27,936 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। इसी प्रकार पेट्रोलियम एवं गैस सेक्टर में लगभग 11,424 करोड़ रूपयों के निवेश से लगभग 3,661 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री, श्रीमती शंकुतला रावत के अनुसार ‘‘निवेशकों का बड़ी संख्या में यह रूझान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज्य के आर्थिक विकास की योजनाओं में उनके विश्वास को प्रदर्शित करता है। विशाल मानव संसाधन, बुनियादी ढांचे में तेजी से होता विकास, मजबूत बाजार पहुंच, भारत के सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल लैण्ड बैंक और आकर्षक निवेश प्रोत्साहन निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, रीको ने 390 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया है और 120 इंडस्ट्रियल एरिया पाइपलाइन में हैं। हाल ही में अनेक नयी पॉलिसी लांच की गई है अथवा पूर्व में लांच की गई पॉलिसीज् में निवेश के बदलते हुए माहौल के अनुसार संशोधन कर पुनः लांच किया गया है। इस वर्ष लांच पॉलिसीज में राजस्थान इनवेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (रिप्स-2022), हैंडीक्रॉफ्ट पॉलिसी, एमएसएमई पॉलिसी, स्टार्टअप पॉलिसी, इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, फिल्म टूरिज्म प्रमोशन पॉलिसी, आदि कुछ प्रमुख है।‘‘

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग, राजस्थान सरकार, श्रीमती वीनू गुप्ता के अनुसार निवेशकों के प्रपोजल्स को धरातल पर उतारने में मदद करने के लिए हम उनके साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। विदेशी एवं घरेलू निवेशकों के साथ सतत् साझेदारी बनाने पर जोर देते हुए प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों की समयबद्ध स्वीकृति को सुनिश्चित करने के लिए वन स्टॉप शॉप जैसी विश्वस्तरीय सुविधाओं का निर्माण किया गया है। इन सबसे हमें विश्वास है कि निवेश की दृष्टि से राज्य में ना केवल सकारात्मक माहौल बनेगा बल्कि राजस्थान निवेश आकर्षित करने एवं रोजगार सृजन की दृष्टि से भी नये कीर्तिमान स्थापित करेगा।‘‘