अनुवांशिक एंजियोएडेमा मरीज़ों में प्रोफिलैक्सिस के लिए पहला सी1-आई एनएच
नयी दिल्ली। ताकेदा बायोफर्मास्यूटिक्लस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (पहले की बसाल्टा बायोसायन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) वैश्विक मूल्यों पर आधारित, शोध और विकास से प्रेरित होकर काम करने वाली, बायोफार्मास्युटिकल कंपनी ने अनुवांशिक एंजियोएडेमा (एचएई) मरीज़ों पर इलाज के लिए एक नया इंजेक्टेबल प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन सिनरीज़ लॉन्च किया है।
प्रभावकारिता और सुरक्षा साबित करने वाले आठ वर्षों के वैश्विक नैदानिक अनुभव के साथ तैयार किए गए सिनरीज़ में एचएई पर एपिसोडिक उपचार, लघु और दीर्घकालिक प्रोफिलैक्सिस में नयी सफलता लाने की क्षमता है। इसके अलावा, सिनरीज़ एचएई के सिम्पटोमैटिक मैनेजमेंट के लिए और भविष्य में एंजियोएडेमा के अटैक्स को रोकने के लिए एफडीए और ईएमए द्वारा अनुमोदित अग्रणी सी1 एस्टरेज़ इन्हिबिटर (C1-I NH) है।[2]
भारत में सिनरीज़ का इस्तेमाल इनके लिए किया जाएगा:
• एचएई से पीड़ित वयस्कों, किशोरों और 6 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चों में एंजियोएडेमा अटैक्स की नियमित रोकथाम (प्रोफिलैक्सिस)।
• एचएई से पीड़ित वयस्कों, किशोरों और 2 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चों में एंजियोएडेमा अटैक्स का इलाज और एंजियोएडेमा अटैक्स की पूर्व-प्रक्रिया रोकथाम।
ताकेदा बायोफार्मास्युटिकल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के जनरल मैनेजर श्री. सेरीना फिस्चर ने इस लॉन्च अवसर पर कहा, "हमारे सभी कोर थेरेपी क्षेत्रों में आज तक पूरी न की गयी मेडिकल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नए इलाज लाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हमें पूरा भरोसा है कि सिनरीज़ के आने से भारत में एचएई मरीज़ों के इलाज में जो कमियां हैं वह दूर की जाएगी। भारत में दुर्लभ बिमारियों के मरीज़ों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता इससे और अधिक मज़बूत हुई है।"
ताकेदा बायोफार्मास्युटिकल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के फ्रैंचाइज़ी हेड - रेयर डिज़ीज़ेज़ सोनी पॉल ने कहा, "जानकारी के अनुसार फ़िलहाल देश में 30000 से ज़्यादा मरीज़ ऐसे हैं जिनकी बीमारी का पता नहीं लगाया गया है। बीमारी का पता लगाने की सुविधा और इलाज की कमी की वजह से यह मरीज़ तकलीफ सह रहे हैं। सिनरीज़ को लॉन्च करके हम एचएई के गंभीर अटैक्स को कम करना चाहते हैं और प्रोफिलैक्टिक रेजीम के साथ एचएई अटैक्स की रोकथाम का समर्थन करना चाहते हैं। एचएई मरीज़ों की ज़िन्दगी की गुणवत्ता में सुधार लाना हमारा लक्ष्य है।"
अनुवांशिक एंजियोएडेमा (एचएई) एक दुर्लभ जेनेटिक स्थिति है जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे हाथ-पैरों, चेहरे, पेट और स्वरयंत्र में सूजन आती है। सी1 एस्टरेज़ इनहिबिटर प्रोटीन पैदा करने वाले जीन में म्यूटेशन की वजह से एचएई होता है, जिससे प्रोटीन का स्तर कम हो जाता है या उसकी फंक्शनिंग जोखिम में आ जाती है। एचएई के लक्षण अक्सर बचपन में मौजूद होते हैं, और जबकि अटैक्स किसी भी उम्र में हो सकते हैं, बीमारी जल्दी शुरू हो जाने से बीमारी का कोर्स और भी अधिक गंभीर होने की संभावना होती है। बच्चों में अटैक्स अक्सर स्पष्ट ट्रिगर के बिना आते हैं, और स्कूल, गतिविधियों और खेल में बच्चे की सहभागिता को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे बच्चा खुद को सामाजिक रूप से अलग-थलग महसूस कर सकता है। गंभीर मामलों में स्वरयंत्र (वॉइस बॉक्स), या श्वासनली (विंडपाइप) में सूजन आ जाती है, इन मामलों में यह जानलेवा हो सकता है। (PR)