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भीलवाड़ा। राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की भागीदारी और रोजगार बढ़ाने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना-2022 शुरू की गई है। लक्षित वर्गों के उद्यमियों द्वारा विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार के क्षेत्र में नवीन उद्यम की स्थापना अथवा विस्तार, विविधीकरण, आधुनिकीकरण करने पर आर्थिक सहयोग के रूप में ऋण राशि पर ब्याज अनुदान एवं मार्जिन मनी (कैपिटल सब्सिडी) अनुदान देय होगा, जिससे अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग का आर्थिक सशक्तिकरण हो सकें। जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबंधक राहुल देव सिंह ने बताया कि योजना में पात्रता के लिए आवेदक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित होना चाहिए तथा आवेदन के समय आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
सहकारी समिति भागीदारी फर्म ध्एलएलपी फर्म कम्पनी के मामलों में आवेदक संस्थान में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों का 51 प्रतिशत अथवा अधिक स्वामित्व होना चाहिए। योजनान्तर्गत ऋण की सीमा 25 लाख रू. से कम होने पर 9 प्रतिशत ब्याज अनुदान, 25 लाख रू. से 5 करोड़ तक होने पर 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं 5 करोड़ से 10 करोड़ तक होने पर 6 प्रतिशत ब्याज अनुदान देय है। साथ ही 25 लाख रूपये तक की सीमा में प्रोजेक्ट लागत का 25 प्रतिशत तक मार्जिन मनी का भी प्रावधान किया गया है। साथ ही योजनान्तर्गत उद्यमिता एवं कौशल संवर्धन कार्यक्रम, इन्क्यूबेशन सेंटर, रियायती दर पर भूमि की उपलब्धता, अन्तर्गत गारन्टी फीस आदि विभिन्न प्रकार की सुविधाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जायेगा। आवेदक जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र, से आवेदन प्राप्त कर योजनान्तर्गत आवेदन कर सकते है।