आज भी नोटबंदी का असर

केन्द्र सरकार को पूरी उम्मीद थी की नोटबन्दी से अघोषित संपति सामने आयेगी पर जितनी उम्मीद थी वो नहीं हुआ। अर्थव्यवस्था मजबूत होने की बजाय उसकी जीडीपी दर ही गिर गई थी। लेकिन डिजिटल लेन देन के कारण पूंजीपतियों से लेकर श्रमिक वर्ग तक के खाते बैंक मे होने से सबकी संपति का ब्योरा आयकर विभाग के सामने रहेगा व आयकर भी पूरा मिलेगा। नये नोटों की करेंसी के मान दंड़ उच्च स्तर के होंगे तो कोई नकल नहीं कर सकेगा लेकिन काला धन धीरे धीरे हमारी बैंकिंग व्यवस्था में आ चुका है। -लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)