वन, पशुपालन व राजस्व विभाग के अधिकारियों ने किया सर्वे
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील (जयपुर)। लवणीय झील में आने वाले अनेक प्रजातियों के पक्षियों सुरक्षा की लिहाज से वन विभाग, पशुपालन विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की ओर से करीब 30 किलोमीटर तक सर्वे किया गया। उक्त विभागों के अधिकारियों की ओर से संयुक्त भ्रमण के दौरान झील क्षेत्र में मृत मवेशियों के डाले जाने व प्रवासी पक्षियों पर मंडरा रहे खतरे की खबर भी झूंठी निकली। अधिकारियों की ओर से भ्रमण के पश्चात जब कहीं पर भी कोई मृत पक्षी व मवेशी नहीं पाया गया तो अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक क्षेत्र डॉ उम्मेद सिंह, तहसीलदार सांभर हरि सिंह राव, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर पदमचंद कानखेड़िया व डॉक्टर विकास शर्मा, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी फुलेरा राज सिंह शेखावत, भूअभिलेख निरीक्षक धन्राराम मीणा व वनपाल जोबनेर श्याम श्री शर्मा की ओर से निरीक्षण के दौरान झील का हर् क्षेत्र खंगाला गया।जांच पड़ताल में पाया कि वर्तमान में प्रवासी पक्षियों को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। इसके अलावा सर्वे टीम में शामिल उपरोक्त सभी अधिकारियों की ओर से सांभर झील क्षेत्र के नलियासर, रतन तालाब, झपोक बांध, शाकंभरी माता मंदिर, नगर पालिका सांभर के डंपिंग यार्ड, काचरोदा नर्सरी का भी गहराई से निरीक्षण कर आगामी कार्रवाई के लिए उचित निर्णय लिए।
बताया गया कि झील क्षेत्र में कोई मृत पक्षी व मवेशी नहीं मिला है और न हीं कोई बीमार पक्षी पाया गया है। यह भी बताया गया कि इस संबंध में कचरोदा नर्सरी में पशुपालन विभाग द्वारा लगाए गए अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा किसी बीमार प्रवासी व मृत पक्षी की सूचना नहीं दी गई है। नर्सरी में स्थाई रूप से रेस्क्यू सेंटर पहले से ही संचालित किया हुआ है। एहतियात के तौर पर झील क्षेत्र में पर्यवेक्षक एवं निरीक्षण करने हेतु एक टीम का गठन किए जाने का प्रस्ताव उच्च अधिकारियों के पास भिजवाया जा रहा है।
इसके तहत राज्य स्तरीय निगरानी दल में उपनिदेशक पशु रोग नियंत्रण, उपनिदेशक पशुपालन विभाग, उपनिदेशक पॉलीक्लिनिक कुचामन सिटी, उपनिदेशक पोल्ट्री लेब इसी प्रकार नोडल क्षेत्र फुलेरा हेतु गठित दल में विभिन्न विभागों की टीम में 10 अधिकारियों को शामिल किए जाने का भी प्रस्ताव मंजूरी के लिए उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। फिलहाल सर्वे टीम में शामिल अधिकारियों की ओर निर्देश प्रदान किए गए की पशु चिकित्सा अधिकारी के सुपर विजन में आसपास मृत पाये जाने वाले पशुओं का वैज्ञानिक विधि से निस्तारण किया जाए तथा स्थानीय प्रशासन, नगर पालिका वन विभाग निकटतम स्थानीय ग्राम पंचायत का सहयोग व समन्वय के साथ कार्य को भली भांति से अंजाम दिया जाए।