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सांभरझील (जयपुर)। यहां से करीब पच्चीस किलोमीटर सुदूर पहाड़ी पर स्थित अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की कुलदेवी मानी जाने वाली मां शाकम्भरी का रविवार को आयोजित होने वाले मेले एक दिन पहले पैदल पदयात्रियों का अलग अलग जत्था रवाना हुआ। मां शाकम्भरी के दरबार में प्रदेश के अनेक जिलों से श्रद्धालुओं का आना जाना यूं तो वर्ष भर ही बना रहता है, लेकिन वार्षिक मेले के दौरान यहां हजारों की तादाद में ग्रामीण महिलाएं भी पहुंच कर परम्परा के अनुसार जड़ूले उतार कर मां से अपने बच्चों के स्वस्थ व लम्बी आयु की कामना करती है।
इसके बाद झील के मध्य स्थित भैंरूजी के दरबार में जाना नहीं भूलती है, यहां पर नारियल व प्रसाद चढाने के लोग दूर दराज से आते है। यह बता दें कि सांभर को जिला बनाये जाने की सरकार की प्रबल मंशा को ध्यान में रखते हुये अब लोगों ने माता के दरबार में धोक लगाकर जिला बनाये जाने की अरदास भी लगायी है। इसी प्रकार युवा अधिवक्ता सुनिल शर्मा की तरफ से भी केदारनाथ यात्रा के दौरान सांभर को जिले बनाये जाने की प्रार्थना की है। इसके लिये उन्होंने मंदिर के बाहर करीब चालीस मिनट तक मेडिटेशन भी किया।