आईआईएम उदयपुर में 1 वर्षीय पूर्णकालिक एमबीए के लिए आवेदन आमंत्रित

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उदयपुर।  इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, उदयपुर (आईआईएम उदयपुर) ने ग्लोबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट (जीएससीएम) और डिजिटल एंटरप्राइज मैनेजमेंट (डीईएम) में अपने 1 वर्षीय पूर्णकालिक एमबीए के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। किसी भी विषय में स्नातकों के लिए, किसी भी क्षेत्र में न्यूनतम 3 वर्ष के अनुभव के साथ प्रवेश खुले हैं। जीएससीएम पाठ्यक्रम में मैनेजमेंट फंडामेंटल्स संबंधी बुनियादी बातों के साथ ग्लोबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट के बारे में गहन विशेषज्ञता प्रदान करने का प्रयास किया जाता है, जबकि डीईएम पाठ्यक्रम में डिजिटल सिस्टम के प्रबंधन और डेटा-संचालित निर्णय लेने और डिजिटल प्रक्रिया में जटिल और विविध पहल करने के लिए उनका उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

पूरी तरह से आवासीय इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश जीमैट/जीआरई/कैट परीक्षाओं पर आधारित होगा। इसके लिए उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री और तीन से अधिक वर्षों के कार्य अनुभव की आवश्यकता होती है। कार्यक्रम आम तौर पर पहले वर्ष के अप्रैल में शुरू होता है और अगले वर्ष के मार्च में समाप्त होता है।

इन पाठ्यक्रमों के पिछले बैचों को इंडस्ट्री की ओर से शानदार रेस्पॉन्स मिला है और अनेक प्रमुख कंपनियों की ओर से संस्थान के छात्रों को प्लेसमेंट हासिल हुआ है। कार्यक्रम के अंतिम बैच में पाठ्यक्रम के समापन से 2 महीने पहले 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हुए।

कॉरपोरेट्स, सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी एजेंसियों को इन पाठ्यक्रमों में अपने कर्मचारियों को प्रायोजित करने के लिए भी आमंत्रित किया जा रहा है। जीएससीएम बैच के वर्तमान बैच में 4 छात्र भारतीय नौसेना द्वारा प्रायोजित हैं और कार्यक्रम के समापन पर वापस नौसेना में चले जाएंगे।

टेक महिंद्रा में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और हैड-कंसल्टिंग एंड डिजिटल सर्विसेज और डीईएम पाठ्यक्रम के सलाहकार बोर्ड की सदस्य सुश्री पद्मा पार्थसारथी ने ने ग्लोबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट (जीएससीएम) और डिजिटल एंटरप्राइज मैनेजमेंट (डीईएम) पाठ्यक्रमों की खूबियों की चर्चा करते हुए कहा, ‘‘इन कार्यक्रमों का उद्देश्य भविष्य के बिजनेस लीडर्स को विकसित करना है जो दुनियाभर में आपूर्ति श्रृंखला और डिजिटल अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से संचालित करेंगे। छात्र केस स्टडीज, सिमुलेशन, फ्रेमवर्क बिजनेस टूल्स, ग्लोबल माइंड-सेट और इंटरपर्सनल स्किल्स के माध्यम से शिक्षाविदों और उद्योग के दिग्गज लोगों से सीखेंगे। ये ऐसे विशेषज्ञ हैं जो उन्हें उभरती प्रतिस्पर्धी दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेंगे।

मैनहट्टन एसोसिएट्स में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और जनरल मैनेजर और जीएससीएम पाठ्यक्रम के सलाहकार बोर्ड की सदस्य सुश्री उषाश्री तिरुमाला ने पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ये पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को मैनेजमेंट से संबंधित सिद्धांतों और इससे जुड़े क्षेत्रों में एक मजबूत बुनियाद प्रदान करते हैं। साथ ही, उन्हें इस तरह तैयार करते हैं कि वे जिम्मेदारियों संभाल सकें और लीडरशिप रोल में अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए तैयार रहें। 

इंडस्ट्री-एकेडेमिया नॉलेज ट्रांसफर

आईआईएमयू का एकेडेमिक एडवाइजरी बोर्ड इन कार्यक्रमों को तैयार करता है। बोर्ड में इंफोसिस, डेल्हीवरी, क्विकर और इंफो एज इंडिया सहित देश में सफल कंपनियों के अत्यधिक अनुभवी और संस्थापक शामिल हैं। बोर्ड रणनीतिक पहल और विकास योजनाओं के बारे में विद्यार्थियों को गहन जानकारी प्रदान करते हुए सप्लाई चेन मैनेजमेंट और डिजिटल एंटरप्राइज डोमेन में ऐसे प्रबंधक तैयार करने में मदद करता है, जो वर्तमान दौर के साथ-साथ आने वाले कल की दुनिया में भी अपनी प्रतिभा की धाक जमा सके। (PR)