सांभर से अजमेर रोडवेज बसों का दो साल से नहीं हो रहा संचालन

नरायना, दूदू, किशनगढ़ आने जाने वाले सैंकड़ों मुसाफिरों को परेशानी

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सांभरझील (जयपुर)। सांभर से अजमेर रूट पर चलने वाली रोडवेज की बसों का दो साल से संचालन पूरी तरह से ठप्प पड़ा हुआ है, जिसकी वजह से सांभर-नरायना-दूदू वाया किशनगढ व अजमेर आने जाने वाले मुसाफिरों के लिये परेशानी का कारण बना हुआ है, जबकि रोडवेज को हर माह अच्छी राजस्व की प्राप्त भी हो रही थी, लेकिन रोडवेज की ओर से इसके लिये कुशल प्रबन्धन हेतु किसी योग्य कार्मिक को यहां पर नियुक्त नहीं किये जाने की वजह भी बतायी जा रही है। जानकारी करने पर बताया गया कि कोविड-19 महामारी के दौरान इन बसों की आवाजाही बंद कर दी गयी थी, लेकिन कोरोना महामारी का प्रकोप खत्म होने व सरकार की ओर से पूर्व की भांति रोडवेज बसों का संचालन किये जाने के दिये गये निर्देश के बावजूद सांभर से अजमेर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अजमेर महाप्रबन्धक की ओर से इसके लिये प्रभावी कदम नहीं उठाये जा रहे है, बसों का संचालन बहाल नहीं किये जाने से लोगों के लिये इस रूट का सफर मजबूरन निजी बसों व जीपों की सहायता से करना पड़ रहा है। 

बताया जा रहा है कि निजी बसों का सफर लोगों के लिये न तो आरामदायक है और न ही सुरक्षित माना जा रहा है, इसका प्रमुख कारण निजी बसों व जीपों में क्षमता से अधिक सवारियों काे ढोना तथा निर्धारित स्थल पर पहुंचने में समय की अधिक बर्बादी होना भी माना जा रहा है। रोडवेज की बसें बंद होने से निजी बस व जीप संचालकों के लिये जबरदस्त मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है। अजमेर से श्रीमाधोपुर व वापसी में श्रीमाधोपुर से अजमेर वाया सांभर, नरायना, दूदू, किशनगढ एक मात्र बस रोडवेज की तरफ से चलायी जा रही है, यह बस अजमेर से दोपहर को रवाना होकर करीब पौने चार बजे के आसपास सांभर पहुंचती है, लेकिन इससे पहले अन्य कोई बस नहीं होने से अजमेर से सांभर व सांभर से अजमेर जाने वाले लोगों के लिये संकट खड़ा हो गया है। 

इस रूट पर रोडवेज की बसों का पुन: संचालन शुरू करवाये जाने की दिशा में अनेक दफा रोडवेज प्रशासन व सरकार के यातायात मंत्री को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन यहां के भाजपा व कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों की ओर से राजनीतिक प्रेशर का अभाव पूरी तरह से शून्य ही नजर आ रहा है, जिसकी वजह से आमजन को अनेक सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। लोगों का कहना हे कि यहां के क्षेत्रीय विधायक व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की ओर से जनता की इस समस्या काे हल करवाने में कोई रूचि दिखायी नहीं दे रही है।