भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्ति ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा है : जूली

 सतत अभियान चलाकर जयपुर शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाए : मंत्री टीकाराम जूली

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जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, ने कहा कि जयपुर शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए सतत प्रयास की आवश्यकता है और इसके लिए चरणबद्ध तरीके से रेस्क्यू अभियान चलाये जाने के विभागीय अधिकारियों को निर्देश प्रदान किये।

मंत्री जूली अंबेडकर भवन स्थित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सभागार में भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए गठित भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों के पुनर्वास बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस और पुलिस प्रशासन की मदद से भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों को रेस्क्यू करके विभाग द्वारा संचालित पुनर्वास गृह में प्रवेश दिलाने के लिए 2 अधिकृत वाहन को को हरी झण्डी दिखाकर अनुमत किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि रेस्क्यू किये गये भिखारियों को विभाग द्वारा संचालित पुनर्वास गृह में 7 दिन पुनर्वासित कर चिन्हित किया जाए और उन्हें पात्रता अनुसार बाल गृह, नारी निकेतन, मानसिक विमंदित गृह, वृद्वाश्रम गृह आदि में भेजने तथा प्रशिक्षण में रूचि रखने वाले भिक्षावृत्ति में लिप्त एवं निर्धन व्यक्तियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने रेस्क्यू किये जाने वाले भिखारियों के ठहरने, भोजन एवं अन्य व्यवस्थाएं सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को रेस्क्यू किये जाने वाले भिखारियों का ऑनलाइन डेटाबेस भी तैयार करने के निर्देश प्रदान किये। उन्होंने चिन्हित व्यक्तियों द्वारा पुनः भिक्षावृत्ति में लिप्त पाये जाने पर पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही किये जाने के निर्देश प्रदान किये।

मंत्री जूली ने जयपुर शहर मुख्यालय पर पुनर्वास गृह संचालन के लिए जिला कलेक्टर जयपुर द्वारा अधिशेष विद्यालय भवन की सूची एवं सहमति भिजवाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित अंबेडकर छात्रावास, जालुपुरा, जयपुर में अस्थाई/ अंशकालिक रूप से पुनर्वास गृह संचालन के भी निर्देश दिये।

डॉ. समित शर्मा, शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता ने कहा कि राज्य के भिखारियों के पुनर्वास के लिए ‘राजस्थान भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों का पुनर्वास अधिनियम, 2012’ प्रभावी है। सड़क चौराहों, धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशन एवं अन्य स्थलों पर भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्ति ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा है और इनका सामाजिक पुनर्वासन किया जाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू किये जाने वाले भिखारियों को चिन्हित कर राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं से जोड़कर इनको सामाजिक संबल प्रदान किया जा सकता है।

ओ पी बनुकर, निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता ने कहा कि जयपुर शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाये जाने की मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की पालना के क्रम में पूर्व में चलाये गये अभियान की जानकारी दी। बैठक में विशाल राजन, जिला कलेक्टर, अजयपाल लाम्बा, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, गजानन शर्मा, आयुक्त एवं शासन सचिव, विशेष योग्यजन, अन्य विभागों के अधिकारीगण एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।