प्रशासन शहरों के संग की सफलता के लिये डीएलबी के आदेश दरकिनार

पार्षदों व ई-मित्रों की नहीं बुलाई बैठक, शिविर के लिये नहीं हुआ प्रचार प्रसार

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप प्रशासन शहरों के संग अभियान के द्वितीय चरण में अधिक से अधिक लोगों को इसका प्रत्यक्ष लाभ पहु्ंचाने के लिये स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व संयुक्त सचिव हृदेश कुमार शर्मा की ओर से 28 अप्रेल 2022 को जारी किये गये दिशा निर्देशों की पालना करने में स्थानीय निकाय विभाग पूरी तरह से कौताही बरत रहा है। प्रशासन शहरों के संग अभियान में द्वितीय चरण के तहत शििवर का 2 मई से आयोजन करने के लिये इसकी पूर्व तैयारी सुनिश्चित किये जाने हेतु विभाग की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश पूर्व में ही जारी किये जा चुके है, लेकिन सरकार के आदेश को धत्ता बताते हुये स्थानीय स्तर पर न तो इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है और न ही पार्षदों व ई-मित्रों की एक संयुक्त बैठक बुलाकर अन्तिम तैयारी किये जाने के लिये की गयी अपेक्षा पर ही पालिका खरी उतर सकी है। 

बता दें कि सरकार की ओर से इसके लिये दी गयी समस्त छूट, निर्देश, परिपत्र, बुक लेट में वर्णित जानकारी से समस्त स्टाफ को देकर इसके उन्हें प्रशिक्षित करने के लिये भी निर्देश प्रदान इसलिये किये गये थे ताकि आमजन के कार्य को सुचारू रूप से समबद्ध तरीके से निष्पादित करके उनको लाभान्वित किया जा सके, लेकिन सरकार की ओर जारी उक्त दिशा निर्देशों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर पालिका प्रशासन महज खानापूर्ति करने में ही जुटी हुयी होना बताया जा रहा है। यह बात भी कथित रूप से सामने आ रही है कि पालिका कार्यालय में अभी तक जितने भी लोगों ने आवासीय व व्यवसायिक पट्टा प्राप्त करने के लिये ई-मित्रों व अन्य की मदद से पेश की गयी पत्रावलियों की प्राथमिकता को तोड़कर या तो उन लोगों को पट्टा दिये जाने की जानकारी चर्चा-ए-आम है, जो या तो प्रभावशाली है या फिर सुविधा शुल्क की लम्बे समय से चली आ रही व्यवस्था को बाहरी लोगों के माध्यम से पूरा करने में सक्षम है। 

यह बताना जरूरी है कि समय समय पर नेता प्रतिपक्ष व भाजपा पार्षद अनिल कुमार गट्टानी की ओर से अन्य भाजपा पार्षदों के संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त आपत्ति पेश कर कार्यप्रणाली को बेहतर तरीके से करने, पट्टा प्राप्त करने के लिये आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर बिना पक्षपात किये तत्काल प्रभाव से जारी करने, नगर में सफाई व्यवस्था को सुधारने, समय पर बोर्ड की बैठक आयोजित करवाये जाने के लिये अनुरोध करना बताया जा रहा है, लेकिन जानकारी में लाया गया हे कि पालिका प्रशासन उन तमाम बातों पर खरा नहीं उतर रहा है जिसके लिये सरकार की ओर से अपेक्षा की गयी थी। 

चर्चाओं का बाजार यह भी चल रहा है कि सत्ता पक्षा से जुड़े पार्षदों में कहीं कहीं पर आमजन के कार्यों के प्रति बरती जा रही कौताही को लेकर असंतोष भी अंदरूनी तौर पर व्याप्त है। इसी मामले में यहां के वाईस चेयरमैन नवलकिशोर सोनी ने भी यहां की संस्कृत स्कूल में लगाये कुछ वाडों के शिविरों को आमजन की ओर से सहुलियत नहीं बताते हुये अपना विरोध दर्ज कराया है, बताया गया कि शिविर ऐसे स्थलों पर आयोजन होना चाहिये जहां पर आमजन सहजता से पहुंच कर इसका लाभ प्राप्त कर सके।