जयपुर। अजमेर, राजस्थान: “शिक्षा के अधिकार अधिनियम” के तहत बालिका शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही संस्था एजुकेट गर्ल्स ने अपना 14 वां स्थापना दिवस समारोह बहुत ही धूमधाम से मनाया। इस समारोह में संस्था के स्वयंसेवकों,कार्मिकों तथा सरकारी अधिकारीयों ने जुड़ कर समारोह को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
समारोह में राजस्थान के अजमेर जिले की टीम बालिका महेंद्र सिंह रावत को टीम बालिका ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। राजस्थान राज्य का हृदयस्थल अजमेर जिले के एक छोटे से गाँव खेड़ी के महेंद्र सिंह एक मध्यम वर्गीय संयुक्त परिवार के सदस्य हैं जो कि वर्ष 2016 से टीम बालिका बन अपने गाँव में बालिका शिक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं।
महेंद्र सिंह ने विद्यालय में भौतिक सुविधाओं के अभाव से बच्चों की शिक्षा प्रभावित ना हो इसलिए सरपंच के साथ मिल कर सुविधाएँ उपलब्ध करवाने में सहयोग किया। इस वर्ष अपने गाँव की चार बालिकाओं का दाखिला स्कूल में करवाया और तीन किशोरी बालिकाओं को 10वीं ओपन बोर्ड का फॉर्म भरवाकर माध्यमिक शिक्षा से जोड़ा। कोरोना काल में जब लंबे समय तक स्कूल बंद रहे तब महेंद्र ने गाँव में संस्था द्वारा संचालित समुदाय आधारित शिक्षण कार्यक्रम ‘कैंप विद्या’ की मदद से बच्चों हिंदी और गणित पढ़ा कर शिक्षा से जोड़े रखा। कोरोना महामारी में गाँव के बाहर से आए लोगों को कोरेंटाइन और टिका लगवाने के लिए जागरूक किया साथ ही समुदाय के साथ जुड़ कर लॉकडाउन में आवश्यक सामग्री लोगों के घर तक पहुचानें मे सहयोग किया। संस्था के सहयोग से महेंद्र सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्र से जैविक खाद संबंधित दो दिन का प्रशिक्षण लिया था। अब वे खुद प्रशिक्षण में मिली जानकारी का उपयोग खेती में कर रहे हैं और अन्य लोगों को भी इसकी जानकारी दे रहे हैं।
महेंद्र सिंह कहते हैं - टीम बालिका ऑफ द ईयर सम्मान मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। इस सम्मान ने मेरी पहचान का दायरा और भी बड़ा कर कर दिया है। आगे बढ़ने के लिए मुझे एजुकेट गर्ल्स ने जो मंच दिया है उसके लिए संस्था को धन्यवाद
एजुकेट गर्ल्स संस्था के भूपेंद्र कुमार चौधरी ने बताया महेंद्र सिंह के प्रयास गाँव में न सिर्फ बालिका शिक्षा को आगे बढ़ा रहे हैं बल्कि कोरोना से सुरक्षा, टीकाकारण के लिए जागरूकता और समुदाय को जनहित के कार्यों में स्वेच्छा से आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।
एजुकेट गर्ल्स के बारे में: एजुकेट गर्ल्स एक ग़ैर-लाभकारी संस्था है जो भारत के ग्रामीण और शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों में बालिकाओं की शिक्षा के लिए समुदायों को प्रेरित करता है। सरकार के साथ साझेदारी में काम करते हुए एजुकेट गर्ल्स वर्तमान में राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 21,000 से अधिक गांवों में सफलतापूर्वक कार्यरत है। सामुदायिक स्वयंसेवकों की बड़ी संख्या को सहभागी बनाते हुए, एजुकेट गर्ल्स स्कूल से वंचित बालिकाओं की पहचान, नामांकन, और स्कूलों में ठहराव बनाए रखने और सभी बच्चों (दोनों - बालिकाओं और बालकों) के लिए साक्षरता और अंक गणितीय योग्यता में बुनियादी सुधार के लिए मदद करता है।