सांभर क्लब, जयपुर ने 75 हजार का चैक दिया

पानवां गौशाला को नन्दीशाला के लिये 15 लाख देने की घोषणा

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। यहां पानावां स्थित श्रीगोपाल गौशाला में नन्दीशाला स्थापित किये जाने एवं गौशाला में पल रहे करीब 450 नन्दियों के लिये कोलकाता सांभर क्लब सेवा संस्थान की तरफ से 15 लाख रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने की घोषणा रविवार को की गयी। जानकारी में आया है कि गौशाला पदाधिकारियों की ओर से नन्दियों के पालन पोषण का लगातार बढता आर्थिक बोझ व इनके जीवन यापन के लिये नन्दीशाला स्थाािपत किये जाने के लिये आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाये जाने के लिये अनुरोध किया गया था। 

गौशाला में मौजूद सैंकड़ों गायों के लिये कई वर्षो से किये जा रहे बेहतर प्रबन्धन व इंतजाम व विगत वर्षों में गौशाला में करवाये गये अनेक विकास व सुधार कार्य से अभिभूत होकर कोलताता सांभर क्लब सेवा संस्थान के अध्यक्ष ओमप्रकाश जोपट की ओर से यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नन्दियों के लिये 15 लाख रूपये की आर्थिक सहायता क्लब की ओर से दिये जाने की घोषणा की गयी। इस गौशाला में वर्तमान में गायों के गोबर से गौकाष्ट बनाने का कार्य भी चरम पर चल रहा है, जिसका क्षेत्रवासी पूरा लाभ उठा रहे है और गौशाला को अतिरिक्त आमदनी का जरिया भी बन चुका है। बीमार गायों को बेहतर इलाज उपलब्ध करवाने के लिये गौशाला की ओर से इसके लिये खास उपाय भी किये गये है। 

जानकारी में आया है कि सुविधा अनुरूप गौमूत्र को लोगों के लिये उपचार हेतु उपलब्ध कराये जाने की योजना पर भी कार्य चल रहा है। इसी प्रकार नन्दीशाला के लिये सांभर क्लब, जयपुर की तरफ से भी 75 हजार रूपये की राशि का चैक गौशाला पदाधिकारियों के सुपुर्द किया गया। गोपालन निदेशक डॉ. लालसिंह का कहना है कि सरकार द्वारा नन्दीशाला खोलने की घोषणा पर अमल करने के लिये योजना को साकार रूप दिया जा रहा है, जिसमें करीब 150 लाख रूपये की लागत आने की संभावना है, इसके लिये गौशाला को लागत राशि का दस फीसदी हिस्सा वहन करना होगा। कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति जेएस संधु ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने भी गौवंश के लिये चारा उत्पादन हेतु नवीन तकनीक के इस्तेमाल किये जाने के लिये सहयोग हेतु भरोसा दिलाया। गौपाला गौशाला के अध्यक्ष मुन्नालाल शर्मा सहित अनेक पदाधिकारियों व कार्यकारिणी सदस्यों की मौजूदगी में अनेक भामाशाहों ने उक्त कार्य के लिये सामर्थ्य अनुसार अपना आर्थिक योगदान दिया।