नन्दकेश्वर सवारी का पुष्प वर्षा व गुलाल से भव्य अभिनन्दन
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील (जयपुर)। यहां सैकड़ों वर्षों से भगवान शिव के प्रतीक के रूप में माने जाने वाला नन्दकेश्वर का मेला इस बार ऐतिहासिक रूप में भरा गया। मां शाकम्भरी के भक्त व पंडित जुगलकिशोर व्यास के छाेटे पुत्र विजय व्यास ने नन्दकेश्वर की सवारी बनकर लगातार साढे सात घण्टे नंग पैर चलकर व प्रमुख स्थानों पर नृत्य भी किया। धार्मिक काफिला शाम करीब साढे सात बजे गंतव्य स्थल तक जैसे ही पहुंचा तो सांध्यकालीन भगवान शिव की आरती के साथ विशाल का मेला भगवान भोलेनाथ के जयकारै व नांदिया बाबा की जय के साथ सम्पन्न हो गया। मेला कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष कुलदीप व्यास की ओर से प्रदेश स्तर तक मेले का व्यापक प्रचार प्रसार करने के लिये किये गये इंतजाम व कुछ नवाचार के बाद यह मेला फिर से इतिहास में अपना नाम दर्ज करा गया। नगर के अलावा आसपास के अनेक गांवों से भी लोगों ने इसमें उत्साह के साथ भाग लिया।
ढोल प्रतियोगिताएं, खेल तमाशे के आयोजनों ने भी यहां की सैंकड़ों वर्षों पुरानी संस्कृति से आज की युवापीढी को बहुत कुछ संदेश दिया। अनेक प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन से भी लोगों का उत्साह चरम पर रहा। सैकड़ों की संख्या में युवाओं की टोली ढोल व चंग बजाते हुये अपनी ही मस्ती में नाचते गाते चलते देख बाहर से आये मेहमानों ने फिर से यहां आने का मन बना लिया।
पारम्परिक होली के गीतों के अलावा लावणी, व फाग के गीतों को सुनकर लोग इस धार्मिक मेले में पूरी तरह से डूबकर इसका भरपूर आनन्द लिया। पुरानी धानमण्डी में सजाया गया भारी मात्रा में फूलों का स्टेज पर नन्दकेश्वर का नृत्य देखने के लिये हजारों लाेग जुट गये, यहां तक की छतों पर लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखी गयी। अतिरिक्त जिला कलक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित स्थानीय प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ भारी तादाद में पुलिस का जाप्ता तैनात रहा।