मालवा और ग्वालियर में प्रचलित है पारम्परिक चित्रवर्ण पेंटिंग : गुणवंती गोथी

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जयपुर। मध्यप्रदेश के मालवा और ग्वालियर रीजन में चित्रवर्ण पेंटिंग बेहद प्रचलित है। यह कहना था मुम्बई की कलाकार, गुणवंती गोथी का। वे शुक्रवार को आर्टिस्ट कम्यूनिटी ‘द सर्किल‘ के लिये आयोजित पारम्परिक लोक कला चित्रवर्ण पेंटिंग की ऑनलाईन वर्कशॉप का संचालन कर रहीं थी। रूफटॉप ऐप द्वारा आयोजित एवं राजस्थान स्टूडियो द्वारा प्रस्तुत इस वर्कशॉप का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव - सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75 के तहत किया गया।

वर्कशॉप के दौरान गुणवंती ने पेपरशीट पर पारम्परिक डोली में बैठी एक महिला के स्कैच की आउटलाईन ड्रा की और उसमें अत्यंत आकर्षक रंग भरे। वर्कशॉप में प्रतिभागी कलाकारों ने भी पेंटिंग की। कलाकार गुणवंती ने आगे बताया कि चित्रवर्ण पेंटिंग मध्य प्रदेश की वॉल पेंटिंग आधारित अत्यंत सुंदर कला शैली है। इन पेंटिंग में आमतौर पर प्राणियों, पशु-पक्षियों, देवी-देवताओं एवं पौधों का चित्रण किया जाता हैं। यह कला धार्मिक समारोहों से भी जुड़ी हुई है। आमतौर पर इन पेंटिंग में आउटलाईन नहीं बनाई जाती है, अतः इनमें अत्यधिक निपुणता की आवश्यकता होती है। पेंटिंग करते समय कलाकार के प्रत्येक ब्रश स्ट्रोक से पेंटिंग की डिजाइन को आकार मिलता है।

उल्लेखनीय है कि गुणवंती को कला क्षेत्र में 20 वर्ष का अनुभव है। वे मंडाला, कैनवास पेंटिंग, बॉटल आर्ट, आदि का अभ्यास भी करती है। कला अभ्यास से उन्हें आनंद और शांति मिलती है।

राजस्थान स्टूडियो के बारे मेंः

राजस्थान स्टूडियो विश्व का प्रथम एवं एकमात्र अनोखा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो राजस्थान के मास्टर आर्टिजंस के मार्गदर्शन में विभिन्न कला शैलियों का हैण्ड-ऑन एक्सपीरियंस प्रदान कराता है। राजस्थान स्टूडियो व्यक्तिगत एवं कॉर्पाेरेट वर्कशॉप्स के माध्यम से कला-प्रेमियों, देशी-विदेशी यात्रियों, पेशेवरों एवं विद्यार्थियों को राज्य एवं केन्द्र सरकार, ललित कला अकादमियों से पुरस्कृत एवं पद्मश्री जैसे सम्मानित अवार्ड प्राप्त कर चुके राजस्थान के कारीगरों से जोड़ता है।