कुरुम्बा ट्राइबल पेंटिंग भारत की सदियों पुरानी कलाओं में से एक : आयुषी अभिप्सा

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जयपुर। कुरुम्बा ट्राइबल पेंटिंग भारत की सदियों पुरानी कलाओं में से एक हैै। इस कला का पैटर्न काफी हद तक वर्ली एवं सौरा आर्ट के समान है। यह कहना था ओडिशा की युवा कलाकार आयुषी अभिप्सा का। आयुषी सोमवार को आर्टिस्ट कम्यूनिटी ‘द सर्किल‘ के लिये आयोजित दक्षिण भारत की प्रसिद्ध ‘कुरुम्बा ट्राइबल पेंटिंग आर्ट‘ वर्कशॉप का संचालन कर रही थी। रूफटॉप ऐप द्वारा आयोजित एवं राजस्थान स्टूडियो द्वारा प्रस्तुत इस वर्कशॉप का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव - सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75 के तहत किया गया।

वर्कशॉप में आयुषी ने कुरूम्बा आर्ट में उत्सव बनाते हुए जनजातीय लोगों का चित्र बनाया। उन्होंने सर्वप्रथम ए5 पेपर शीट ले कर इसमें क्रोम वॉटरकलर से बैकग्राउंड बनाया और फिर इसमें फ्री-हैण्ड से एक वृक्ष बनाया। इसके बाद उन्होंने बेहद खूबसूरती से लाल रंग से वर्ली आर्ट की भांति ज्योमेट्रिक आकृतियों में जनजाति के नाचते-गाते हुए लोगों को चित्रित किया। कलाकार ने कहा कि वर्ली आर्ट में मनुष्य की आकृतियां सफेद एवं काले रंग से बनाई जाती है, जबकि कुरूम्बा आर्ट में इनके लिए गहरे लाल-भूरे रंग का उपयोग किया जाता है।

वर्कशॉप के दौरान आयुषी ने जानकारी देते हुए कहा कि यह कला कुरुम्ब जनजाति में प्रचलित है। यह  जनजाति दक्षिण भारत के नीलगिरी क्षेत्र में स्थित हैं जो तमिलनाडु, कर्नाटक एवं केरल राज्यों का हिस्सा है। यह आर्ट कुरुम्बा जनजाति के सामाजिक-धार्मिक ताने-बाने को अभिव्यक्त करती है। पारंपरिक रूप से यह कला मंदिर की दिवारों पर कुरुम्बा गांव के पुजारी द्वारा की जाती है। कुरुम्ब जनजाति की महिलाओं को इस पेंटिंग को बनाने की अनुमति नहीं होती।

राजस्थान स्टूडियो के बारे में

राजस्थान स्टूडियो विश्व का प्रथम एवं एकमात्र अनोखा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो राजस्थान के मास्टर आर्टिजंस के मार्गदर्शन में विभिन्न कला शैलियों का हैण्डस्-ऑन एक्सपीरियंस प्रदान कराता है। राजस्थान स्टूडियो व्यक्तिगत एवं कॉर्पोरेट वर्कशॉप्स के माध्यम से कला-प्रेमियों, देशी-विदेशी यात्रियों, पेशेवरों एवं विद्यार्थियों को राज्य एवं केन्द्र सरकार, ललित कला अकादमियों से पुरस्कृत एवं पद्मश्री जैसे सम्मानित अवार्ड प्राप्त कर चुके राजस्थान के कारीगरों से जोड़ता है।

रूफटॉप ऐप के बारे में

दुनिया भर के कलाप्रेमियों को विभिन्न भारतीय कला शैलियों तक पहुंच आसान बनाने के उद्देश्य से राजस्थान स्टूडियो द्वारा रूफटॉप ऐप लांच किया गया है। इस ऐप पर आयोजित वर्कशॉप्स के माध्यम से विश्व भर से भारतीय कलाशैलियों को पसंद करने वाले ना केवल प्री-रिकार्डेड सैशन देख सकंेगे बल्कि आगामी वर्कशॉप्स का शैडयूल देख कर अपना कैलेण्डर भी निर्धारित कर सकेंगे। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर और आईओएस प्लेटफार्म से डॉउनलोड किया जा सकेगा।

द सर्किल कम्यूनिटी के बारे में

स्लो मो एक्सपीरियंसेज द्वारा ‘द सर्किल कम्यूनिटी‘ की शुरूआत कलाकारों की इनवाइट-ओनली कम्यूनिटी के तौर पर की गई है। लगभग 1 घंटे से अधिक समय के लिये आयोजित इन निःशुल्क सत्रों एवं कार्यशालाओं में समान विचारधारा वाले कलाकार ना केवल गहन कलात्मक वार्ता करते हैं बल्कि विभिन्न कला स्वरूपों को सीखने एवं साझा करने और आत्म-निरीक्षण के उद्देश्य से एक मंच पर एकत्र होते हैं।

सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75ः बुलाये भारत (इंडिया कॉलिंग) के बारे में

भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर भारत सरकार द्वारा आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव के तहत, ‘इंडिया चौक‘ पहल के तहत स्लो मो एक्सपीरियंसेज द्वारा भारत की पारम्परिक कलाओं का जश्न बनाया जा रहा है। भारत के राष्ट्र निर्माण के लिए किये गये इस प्रयास के तहत वर्चूअल इंडियन आर्ट एक्सपीरियंस ‘बुलाये भारत‘ (इंडिया कॉलिंग) के माध्यम से 15 अगस्त 2021 से 15 अगस्त 2022 तक देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से चुने हुए पारम्परिक कलाकारों को शामिल किया जा रहा है। विशेष रूप से क्यूरेट किए गए इस वर्चुअल आर्ट एक्सपीरियंस में पेंटिंग पर आधारित 44 और शिल्प पर आधारित 31 कला शैलियों को प्रस्तुत किया जा रहा है। इनके अतिरिक्त 26 अन्य महत्वपूर्ण स्थानीय कला शैलियों को भी इसमें शामिल किया गया है।